क्या जन धन योजना ने गरीब लोगों के लिए वित्तीय सेवाओं तक पहुंच को बदल दिया?

Click to start listening
क्या जन धन योजना ने गरीब लोगों के लिए वित्तीय सेवाओं तक पहुंच को बदल दिया?

सारांश

प्रधानमंत्री जन धन योजना ने गरीबों के लिए वित्तीय सेवाओं की पहुंच को बेहतर बनाया है। यह योजना न केवल सम्मान और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती है, बल्कि आर्थिक समावेशन को भी सुनिश्चित करती है। जानें, कैसे इस योजना ने बैंकों से वंचित लोगों के लिए अवसरों के द्वार खोले।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री जन धन योजना ने वित्तीय सेवाओं की पहुंच में सुधार किया है।
  • 55.90 करोड़ से अधिक खाते खोले गए हैं।
  • सरकार ने आर्थिक समावेशन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं।
  • मुद्रा योजना सूक्ष्म और लघु उद्यमों को लाभ पहुंचाती है।
  • रुपे डेबिट कार्ड और ओवरड्राफ्ट जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

नई दिल्ली, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) ने बैंकों और बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों के बीच की खाई को पाटकर, सम्मान, आत्मनिर्भरता और आर्थिक समावेशन को बढ़ावा देकर सबसे गरीब लोगों के लिए वित्तीय सेवाओं तक पहुंच को पूरी तरह से बदल दिया है।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक लेख साझा किया, जिसमें बताया गया कि किस प्रकार एक सामाजिक कल्याण योजना के रूप में प्रधानमंत्री जन धन योजना ने 11 वर्ष पूरे होने पर सबसे गरीब लोगों के लिए वित्तीय सेवाओं तक पहुंच को बदल दिया है।

लेख में कहा गया कि अगस्त 2014 में पीएमजेडीवाई की शुरुआत, बैंकिंग सुविधा से वंचित लोगों को बैंकिंग सुविधा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था, क्योंकि इससे बैंक में बेसिक सेविंग्स अकाउंट खोलने की सुविधा उपलब्ध हुई है, साथ ही रुपे डेबिट कार्ड और ओवरड्राफ्ट जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हुई हैं।

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि अब तक पीएमजेडीवाई के तहत 55.90 करोड़ से ज्यादा खाते खोले जा चुके हैं।

सरकार ने वित्तीय समावेशन को मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की हैं कि बेसिक बैंकिंग सर्विसेज तक पहुंच से औपचारिक वित्तीय प्रणाली में सार्थक भागीदारी सुनिश्चित हो, जिसमें लोन तक पहुंच भी शामिल है।

इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत 35.13 लाख करोड़ रुपए से अधिक के 53.85 करोड़ लोन स्वीकृत किए जा चुके हैं।

पीएमएमवाई सूक्ष्म और लघु उद्यमों को 20 लाख रुपए तक का जमानत-मुक्त लोन प्रदान करता है, जिससे स्वरोजगार और आय सृजन संभव होता है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों, रेहड़ी-पटरी वालों, कारीगरों और अन्य सूक्ष्म उद्यमों के लिए लोन पहुंच का विस्तार करने के उद्देश्य से स्टैंड-अप इंडिया (एसयूपीआई), प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि), प्रधानमंत्री विश्वकर्मा और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) जैसी समर्पित योजनाएं लागू की गई हैं।

क्रेडिट असिसमेंट फ्रेमवर्क से वंचित व्यक्तियों के लिए लोन मूल्यांकन ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से सरकार टेक्नोलॉजी और वैकल्पिक डेटा स्रोतों का लाभ उठा रही है।

स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के उधारकर्ताओं और किसानों एवं हाशिए के समुदायों सहित ग्रामीण आबादी के क्रेडिट असिसमेंट में सहायता के लिए एक ग्रामीण क्रेडिट स्कोर की घोषणा की गई है।

इस पहल से लोन निर्णयों की गुणवत्ता और निष्पक्षता में वृद्धि होने और ग्रामीण क्षेत्रों में औपचारिक लोन की बेहतर पहुंच होने की उम्मीद है।

Point of View

प्रधानमंत्री जन धन योजना ने आर्थिक समावेशन में उल्लेखनीय प्रगति की है। यह योजना न केवल गरीबों के लिए वित्तीय सेवाओं की पहुंच को सुनिश्चित करती है, बल्कि सम्मान और आत्मनिर्भरता के लिए भी एक मजबूत आधार प्रस्तुत करती है। देश के विकास में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

प्रधानमंत्री जन धन योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य बैंकों और बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों को वित्तीय सेवाओं तक पहुंच प्रदान करना है।
इस योजना के तहत कितने खाते खोले गए हैं?
अब तक पीएमजेडीवाई के तहत 55.90 करोड़ से अधिक खाते खोले जा चुके हैं।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना क्या है?
यह योजना सूक्ष्म और लघु उद्यमों को जमानत-मुक्त लोन प्रदान करती है।
सरकार ने कौन सी अन्य योजनाएं शुरू की हैं?
स्टैंड-अप इंडिया, पीएम स्वनिधि, और पीएमईजीपी जैसी योजनाएं भी लागू की गई हैं।
यह योजना किस प्रकार से ग्रामीण समुदायों को लाभ पहुंचाती है?
यह योजना ग्रामीण आबादी के लिए क्रेडिट स्कोर और लोन निर्णयों में मदद करती है।