क्या जापानी धावक ने कुत्ते-बिल्लियों और बंदरों से प्रेरणा लेकर तोड़ा अनोखा रिकॉर्ड?

सारांश
Key Takeaways
- रयूसेई योनीए ने चार पैरों पर दौड़ते हुए नया रिकॉर्ड स्थापित किया।
- उन्होंने कुत्तों और बिल्ली जैसे जानवरों से प्रेरणा ली।
- उनका रिकॉर्ड 14.55 सेकंड में 100 मीटर दौड़ने का है।
- पहले का रिकॉर्ड 15.66 सेकंड में था।
- वे मिडिल स्कूल से इस तकनीक का अभ्यास कर रहे हैं।
नई दिल्ली, 25 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दौड़ने की जब बात होती है, तो अक्सर हमारे मन में एथलीट्स, ट्रैक, स्पाइक्स और तेज़ी से दौड़ते इंसान की छवियाँ आती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कोई इंसान चार पैरों पर, यानी अपने हाथों और पैरों के बल, चीते की तरह ट्रैक पर दौड़ रहा हो? जापान के एक व्यक्ति ने यह कारनामा कर दिखाया है और हाल ही में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। यह केवल एक रिकॉर्ड की कहानी नहीं है, बल्कि यह इंसानी जिज्ञासा, जुनून और फिटनेस को एक नए दृष्टिकोण से देखकर सोचने का अवसर है।
टोक्यो के 22 वर्षीय रयूसेई योनीए ने हाल ही में चार पैरों पर दौड़ते हुए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ दिया। यह अद्भुत कारनामा किसी जानवर की फुर्ती के समान लग सकता है, लेकिन यह इंसानी मेहनत, क्रिएटिविटी और जुनून का एक अनोखा उदाहरण है।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अनुसार, रयूसेई ने 328 फीट (100 मीटर) की दूरी महज 14.55 सेकंड में पूरी की। उन्होंने यह दौड़ अपने दोनों हाथों और पैरों के बल—यानी चार पैरों पर—पूरी की। उनकी यह उपलब्धि पहले के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देती है।
इससे पहले यह रिकॉर्ड अमेरिका के कॉलिन मैक्लर के नाम था, जिन्होंने 2022 में यही दूरी 15.66 सेकंड में पूरी की थी। अर्थात्, रयूसेई ने लगभग 1 सेकंड तेज दौड़कर नया इतिहास रच दिया।
योनीए के अनुसार, वह मिडिल स्कूल से ही चार पैरों पर दौड़ रहे हैं। इसका श्रेय उन्होंने अपने उस शिक्षक को दिया है, जिन्होंने कहा था कि चार पैरों पर चलने वाले जानवर तेज दौड़ सकते हैं। उनका कहना है, "इससे मुझे लगा कि मैं चार पैरों पर चलने वाला सबसे तेज इंसान हो सकता हूं।"
इस धावक की प्रेरणा कुत्तों, बिल्लियों और बंदरों से मिली! अजीब लगता है, लेकिन उन्होंने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स को बताया, "मैंने कुत्तों, बिल्लियों और बंदरों जैसे चार पैरों वाले जानवरों को दौड़ते हुए देखकर इस रिकॉर्ड के लिए तैयारी की थी। ट्रैक पर दौड़ने के लिए अपनी तकनीक को ढालने में मुझे कुछ समय लगा। मैं अधिकतर रेत में प्रशिक्षण लेता था। ट्रैक पर बहुत ज्यादा रिबाउंड होता है, जिससे मेरी दौड़ने की शैली बदल गई।"