क्या एस. जयशंकर ने ईरान के विदेश मंत्री से बातचीत की?

सारांश
Key Takeaways
- विदेश मंत्री एस. जयशंकर और ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची के बीच महत्वपूर्ण बातचीत हुई।
- भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी पर चर्चा की गई।
- ईरान का सहयोग सराहनीय माना गया।
- भारत ने ऑपरेशन सिंधु शुरू किया है।
- विदेश मंत्रालय ने सावधानी बरतने का अनुरोध किया है।
नई दिल्ली, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची से टेलीफोन पर बातचीत की। उन्होंने ईरान के दृष्टिकोण को साझा करने के लिए अराघची की प्रशंसा की और भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी में मदद के लिए ईरान का आभार
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में, जयशंकर ने लिखा, "आज दोपहर मैंने ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची से बात की। वर्तमान जटिल परिस्थिति में उनके दृष्टिकोण को साझा करने के लिए मैं उनकी सराहना करता हूं। भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी में सहायता के लिए मैंने उन्हें धन्यवाद दिया।"
यह वार्ता पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच हुई है, जो क्षेत्रीय संघर्ष और जटिल भू-राजनीतिक परिस्थितियों के कारण वैश्विक चिंता का विषय बन गई है।
हाल के महीनों में इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष के कारण पश्चिम एशिया में अस्थिरता बढ़ी है, जिसके व्यापक क्षेत्रीय प्रभाव देखे जा रहे हैं। इस स्थिति ने कई देशों को अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने पर मजबूर किया है। भारत ने भी अपने नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए ऑपरेशन सिंधु शुरू किया है।
भारत और ईरान के बीच लंबे समय से मैत्रीपूर्ण संबंध हैं और दोनों देश विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर मिलकर काम करते रहे हैं। यह बातचीत इन संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक कदम मानी जा रही है। भारत क्षेत्र में सभी पक्षों के साथ संवाद बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि तनाव घटे और शांति स्थापित हो सके।
एस. जयशंकर ने ईरान की मदद को रेखांकित करते हुए कहा कि भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी में ईरान का सहयोग सराहनीय है। भारत ने क्षेत्र में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए व्यापक स्तर पर राजनयिक प्रयास किए हैं।
इस बीच, विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों से क्षेत्र में यात्रा करने से पहले सावधानी बरतने का अनुरोध किया है और मंत्रालय की सलाह का पालन करने को कहा है। मंत्रालय ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सभी भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावास क्षेत्र में फंसे नागरिकों की सहायता के लिए 24 घंटे उपलब्ध हैं।