क्या झारखंड के घाटशिला विधानसभा सीट पर 11 नवंबर को उपचुनाव होगा?

सारांश
Key Takeaways
- उपचुनाव 11 नवंबर को होगा।
- रामदास सोरेन के निधन के बाद यह सीट खाली हुई है।
- मतदाता संख्या 2,55,823 है।
- ईवीएम पर रंगीन तस्वीरें लगाई जाएंगी।
- मतगणना 14 नवंबर को होगी।
रांची, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में 11 नवंबर को उपचुनाव का आयोजन किया जाएगा। यह घोषणा सोमवार को नई दिल्ली में निर्वाचन आयोग की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की गई।
यह सीट रामदास सोरेन, जो झारखंड सरकार में मंत्री थे, के निधन के बाद खाली हुई है। यह विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, घाटशिला उपचुनाव की अधिसूचना 13 अक्टूबर को जारी होगी। नामांकन की अंतिम तिथि 21 अक्टूबर निर्धारित की गई है, और नामांकन पत्रों की जांच 22 अक्टूबर को की जाएगी। उम्मीदवार 24 अक्टूबर तक अपना नाम वापस ले सकते हैं। मतदान 11 नवंबर को होगा, और मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।
झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि उपचुनाव की घोषणा के साथ पूरे पूर्वी सिंहभूम जिले में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इस उपचुनाव में आयोग के कई नए प्रावधान भी लागू होंगे, जिसमें पहली बार ईवीएम पर प्रत्याशियों की रंगीन तस्वीरें लगाई जाएँगी, ताकि मतदाता उम्मीदवारों को पहचानने में आसानी हो। घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में हाल ही में मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण किया गया है, जिसमें मतदाताओं की संख्या में वृद्धि देखी गई है।
हाल के आंकड़ों के अनुसार, घाटशिला उपचुनाव में कुल 2,55,823 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इसमें 1,24,899 पुरुष और 1,30,921 महिला मतदाता शामिल हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। विशेष पुनरीक्षण के दौरान पुरुष मतदाताओं में 1,585 और महिलाओं में 2,871 की वृद्धि हुई है।
निर्वाचन आयोग ने मतदान केंद्रों के रेशोनलाइजेशन पर भी ध्यान दिया है। घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में अब कुल 300 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें 12 नए केंद्र जोड़े गए हैं, जबकि 3 पुराने केंद्रों का अन्य केंद्रों के साथ विलय किया गया है।
झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अनुसार, चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष, पारदर्शी और सुचारु बनाने के लिए सभी तैयारियाँ लगभग पूरी कर ली गई हैं। प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की टीम इसी हफ्ते घाटशिला का दौरा करेगी। हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के कार्यकाल में यह पहला उपचुनाव होगा, जिसके चलते राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है।