क्या झारखंड की जेलों में 81 फीसदी से ज्यादा पद रिक्त हैं? हाईकोर्ट ने 30 सितंबर तक नियुक्ति का दिया आदेश

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क्या झारखंड की जेलों में 81 फीसदी से ज्यादा पद रिक्त हैं? हाईकोर्ट ने 30 सितंबर तक नियुक्ति का दिया आदेश

सारांश

झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य की जेलों में 81% से अधिक रिक्त पदों पर सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। मुख्य सचिव से कहा गया है कि सभी खाली पदों को 30 सितंबर 2025 तक भरा जाए। क्या यह आदेश जेल सुधार में सकारात्मक बदलाव लाएगा?

Key Takeaways

  • झारखंड की जेलों में 81% पद रिक्त हैं।
  • हाईकोर्ट ने 30 सितंबर 2025 तक नियुक्ति का आदेश दिया है।
  • जेल सुधार के लिए मॉडल जेल मैनुअल तैयार किया जा रहा है।
  • अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी।
  • पदों की कमी से कैदियों के अधिकार प्रभावित हो रहे हैं।

रांची, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य की जेलों में 81 प्रतिशत से अधिक पद रिक्त रहने पर कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने राज्य के मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि सभी खाली पदों पर 30 सितंबर 2025 तक नियुक्ति की जाए।

अदालत ने अगली सुनवाई से पहले इस विषय पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी।

चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मंगलवार को यह आदेश जेल सुधार और मॉडल जेल मैनुअल से संबंधित स्वत: संज्ञान जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।

अदालत ने राज्य सरकार और एमिकस क्यूरी की दलीलें सुनीं और रिक्तियों के मुद्दे को गंभीर बताते हुए तत्काल कार्रवाई पर जोर दिया।

सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी अधिवक्ता मनोज टंडन ने अदालत को बताया कि लंबे समय से जेल सुधार के मामले पर सुनवाई हो रही है। जुलाई 2023 में यह तथ्य सामने आया था कि राज्य की जेलों में 81 प्रतिशत पद खाली हैं। उस समय अदालत ने पदों को शीघ्र भरने का आदेश दिया था, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

अदालत को यह भी बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत जेल व्यवस्था में सुधार और मॉडल जेल मैनुअल तैयार करने की दिशा में कार्य होना आवश्यक है।

इस पर पिछली सुनवाई में खंडपीठ ने सरकार से पूछा था कि इस मामले में क्या प्रगति हुई है। सरकार ने जानकारी दी थी कि अदालत के निर्देश के बाद मॉडल जेल मैनुअल तैयार कर लिया गया है।

गौरतलब है कि जेल सुधार और मॉडल जेल मैनुअल का मुद्दा झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान में लिया था, जिसका उद्देश्य राज्य की जेलों में सुविधाओं, सुरक्षा और प्रबंधन में सुधार लाना है।

अदालत ने स्पष्ट किया है कि पदों की भारी कमी जेल प्रशासन और कैदियों के अधिकारों पर प्रतिकूल असर डाल रही है, इसलिए इसे जल्द से जल्द दूर किया जाना आवश्यक है।

Point of View

जो न केवल जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि कैदियों के अधिकारों की सुरक्षा भी करेगा। यह आदेश स्पष्ट करता है कि जब तक हम जेलों में आवश्यक सुधार नहीं करेंगे, तब तक हम एक सशक्त और न्यायपूर्ण समाज की ओर नहीं बढ़ सकते।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

झारखंड हाईकोर्ट ने खाली पदों को भरने का आदेश कब दिया?
झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य की जेलों में खाली पदों को 30 सितंबर 2025 तक भरने का आदेश दिया।
जेल सुधार के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
जेल सुधार के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत मॉडल जेल मैनुअल तैयार किया जा रहा है।
अगली सुनवाई कब होगी?
मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी।
क्या राज्य सरकार ने जेल सुधार पर कोई ठोस कदम उठाए हैं?
राज्य सरकार ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है, हालांकि अदालत ने पहले ही आदेश दिया था।
जेलों में पदों की कमी का असर क्या है?
पदों की भारी कमी जेल प्रशासन और कैदियों के अधिकारों पर प्रतिकूल असर डाल रही है।
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