क्या झारखंड हाईकोर्ट को नया मुख्य न्यायाधीश मिल गया है, जस्टिस तरलोक सिंह चौहान?

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क्या झारखंड हाईकोर्ट को नया मुख्य न्यायाधीश मिल गया है, जस्टिस तरलोक सिंह चौहान?

सारांश

झारखंड हाईकोर्ट को नया मुख्य न्यायाधीश मिलने की खुशी का पल! जस्टिस तरलोक सिंह चौहान की नियुक्ति ने न्यायपालिका में नई उम्मीद जगाई है। उनका अनुभव और उपलब्धियाँ न्यायिक सुधारों के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगी।

Key Takeaways

  • जस्टिस तरलोक सिंह चौहान की न्यायपालिका में नई भूमिका से सुधार की उम्मीद है।
  • उन्होंने डिजिटल परिवर्तन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
  • उनका अनुभव संविधानिक मामलों में महत्वपूर्ण साबित होगा।
  • जस्टिस चौहान का कार्यकाल न्यायिक सुधारों को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
  • वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भारतीय न्यायपालिका का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

रांची, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड हाईकोर्ट को एक नया मुख्य न्यायाधीश प्राप्त हुआ है। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस तरलोक सिंह चौहान को झारखंड हाईकोर्ट का नया मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। जस्टिस चौहान झारखंड हाईकोर्ट के 17वें मुख्य न्यायाधीश होंगे।

वर्तमान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एम.एस. रामचंद्र राव का तबादला त्रिपुरा हाईकोर्ट कर दिया गया है। जस्टिस रामचंद्र राव ने 25 सितंबर 2024 को झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली थी और उनके कार्यकाल में अदालत में कई अहम जनहित याचिकाओं और संवैधानिक मामलों की सुनवाई हुई।

सोमवार को इस संबंध में राष्ट्रपति ने अधिसूचना जारी की। इसकी जानकारी भारत सरकार के कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की।

9 जनवरी 1964 को रोहड़ू (हिमाचल) में जन्मे जस्टिस तरलोक सिंह चौहान ने शिमला के बिशप कॉटन से स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री ली। उन्होंने 1989 में हिमाचल प्रदेश बार काउंसिल में वकील के रूप में नामांकन के बाद सभी विधायी शाखाओं में गहरा अनुभव अर्जित किया। वे 2014 में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश और फिर स्थायी न्यायाधीश बने।

जस्टिस चौहान ने पर्यावरण कानून, बाल कल्याण और न्यायिक सुधारों में उल्लेखनीय कार्य किया। वे किशोर न्याय समिति, विधिक सेवा प्राधिकरण और हाईकोर्ट की कंप्यूटर एवं ई-कोर्ट समिति का नेतृत्व कर न्यायपालिका में डिजिटल परिवर्तन में अहम भूमिका निभा चुके हैं।

वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भारतीय न्यायपालिका का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उनके नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश न्यायपालिका ने ई-फाइलिंग, ऑनलाइन सेवाओं और डिजिटल न्यायिक प्रक्रियाओं में नए कीर्तिमान स्थापित किए।

Point of View

जस्टिस तरलोक सिंह चौहान की नियुक्ति एक महत्वपूर्ण कदम है जो न्यायपालिका में सुधार और डिजिटल परिवर्तन को प्रोत्साहित करेगा। उनके अनुभव और विशेषज्ञता से न्याय प्रणाली को नई दिशा मिलेगी।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

जस्टिस तरलोक सिंह चौहान कब से मुख्य न्यायाधीश बने हैं?
जस्टिस तरलोक सिंह चौहान को झारखंड हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है।
जस्टिस चौहान का जन्म कब हुआ था?
जस्टिस तरलोक सिंह चौहान का जन्म 9 जनवरी 1964 को रोहड़ू, हिमाचल प्रदेश में हुआ था।
जस्टिस चौहान ने किस विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की?
जस्टिस चौहान ने पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री प्राप्त की है।
जस्टिस चौहान की प्रमुख उपलब्धियाँ क्या हैं?
जस्टिस चौहान ने पर्यावरण कानून, बाल कल्याण और न्यायिक सुधारों में उल्लेखनीय कार्य किया है।
उन्हें किस प्रकार की समितियों का नेतृत्व करने का अनुभव है?
जस्टिस चौहान ने किशोर न्याय समिति, विधिक सेवा प्राधिकरण और हाईकोर्ट की कंप्यूटर एवं ई-कोर्ट समिति का नेतृत्व किया है।