क्या रजत जयंती उत्सव का आगाज, ‘रन फॉर झारखंड’ में दौड़े लाखों लोग, सीएम हेमंत बोले- तरक्की के लिए एकजुट हों?
सारांश
Key Takeaways
- रजत जयंती उत्सव का आयोजन झारखंड की २५वीं वर्षगांठ पर हुआ।
- ‘रन फॉर झारखंड’ में लाखों लोगों ने भाग लिया।
- मुख्यमंत्री ने विकास के लिए एकजुटता की अपील की।
- उत्सव में कई सांस्कृतिक और खेल कार्यक्रम होंगे।
- उत्सव २९ नवंबर तक चलेगा।
रांची, ११ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के स्थापना के २५ वर्ष पूरे होने की खुशी में पूरे राज्य में रजत जयंती उत्सव का आगाज हो गया है। राजधानी रांची सहित सभी जिला मुख्यालयों में ‘रन फॉर झारखंड’ के आयोजन के साथ १५ दिवसीय कार्यक्रमों की औपचारिक शुरुआत हुई।
यह दौड़ रांची के मोरहाबादी मैदान से प्रारंभ हुई, जहाँ राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हरी झंडी दिखाई। इस दौड़ में हजारों युवा शामिल हुए और इसका समापन सैनिक मार्केट पर होगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, "हमारे वीर पूर्वजों के संघर्ष और बलिदान से हमें यह झारखंड राज्य मिला है। आज धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की १५०वीं जयंती के अवसर पर झारखंड अपने निर्माण के २५ वर्ष पूरे कर रहा है। यह हर झारखंडवासी के लिए गर्व का क्षण है।"
उन्होंने सभी से राज्य को समृद्धि और विकास के रास्ते पर ले जाने का संकल्प लेने का आग्रह किया। 'रन फॉर झारखंड' में मुख्यमंत्री के साथ पर्यटन एवं नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार, रांची के विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी सिंह, विधायक कल्पना सोरेन सहित हजारों नागरिक, विद्यार्थी, खिलाड़ी और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
जानकारी के अनुसार, हजारीबाग, दुमका, देवघर, बोकारो, गिरिडीह, पलामू, धनबाद सहित अन्य जिला मुख्यालयों में भी आयोजित दौड़ में करीब पांच लाख से ज्यादा लोगों ने भाग लिया। राज्य सरकार ने झारखंड स्थापना दिवस की रजत जयंती के उपलक्ष्य में १५ दिनों की गतिविधियों का विस्तृत कार्यक्रम बनाया है।
१२ नवंबर को सभी जिलों में पारंपरिक नृत्य का सामूहिक आयोजन होगा। १३ नवंबर को "नो योर टूरिस्ट प्लेसेज" साइकिल रैली और १४ नवंबर को राज्यभर में थीम आधारित वाल पेंटिंग का आयोजन किया जाएगा। मुख्य समारोह १५ नवंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में होगा, जिसमें राज्य की उपलब्धियों की झांकी और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।
रजत जयंती उत्सव २९ नवंबर तक जारी रहेगा, जिसमें खेलकूद, सांस्कृतिक और जनजागरण से जुड़े अनेक कार्यक्रम शामिल होंगे। झारखंड की नई पहचान और भविष्य की दिशा तय करने वाले इस उत्सव को लेकर पूरे राज्य में उत्साह का माहौल है।