क्या झारखंड में मत्स्य पालन को नई दिशा मिली? पीएम मोदी ने फिश फॉर्मिंग प्लांट का शिलान्यास किया

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड में फिश फॉर्मिंग प्लांट का शिलान्यास किया।
- यह परियोजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएगी।
- 14 एकड़ में फिश फार्म और इको-टूरिज्म केंद्र विकसित होंगे।
- स्थानीय युवाओं और महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
- यह झारखंड का मॉडल फिश फार्मिंग हब बन सकता है।
सरायकेला, ११ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के सरायकेला प्रखंड के हाथीमारा गांव में शनिवार को वर्चुअल माध्यम से एक अत्याधुनिक फिश फॉर्मिंग प्लांट का शिलान्यास किया। यह परियोजना ‘प्रधानमंत्री धनधान्य कृषि योजना’ के अंतर्गत संचालित की जा रही है, जिसका मुख्य लक्ष्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना और मत्स्य पालन को एक नई दिशा प्रदान करना है।
कार्यक्रम में झारखंड के मत्स्य विभाग के उप निदेशक संजय कुमार गुप्ता, जिला मत्स्य पदाधिकारी रौशन कुमार, स्थानीय निवासी और योजना से जुड़े अधिकारी उपस्थित थे। यह परियोजना ‘सुरदीप नेचुरल फिशिंग एंड इको टूरिज्म कंपनी’ द्वारा संचालित की जाएगी।
कंपनी की संस्थापक ज्योति बाला ने बताया कि यह परियोजना ग्रामीण किसानों की आय में वृद्धि और स्थानीय रोजगार के अवसर सृजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। लगभग १४ एकड़ क्षेत्र में फैले इस फिश फार्म में १० एकड़ भूमि पर मत्स्य पालन के लिए तालाब और शेष ४ एकड़ क्षेत्र में प्रसंस्करण, प्रशिक्षण एवं इको-टूरिज्म केंद्र विकसित किए जाएंगे। इससे न केवल मत्स्य उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को रोजगार एवं उद्यमिता के अवसर भी प्राप्त होंगे।
जिला प्रशासन और मत्स्य विभाग ने परियोजना को हरसंभव तकनीकी सहयोग और प्रशिक्षण उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। अधिकारियों का मानना है कि यह केंद्र भविष्य में झारखंड का मॉडल फिश फार्मिंग हब बन सकता है।
झारखंड मत्स्य विभाग के उप निदेशक संजय कुमार गुप्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने नेचुरल इको टूरिज्म प्रोजेक्ट और गन्ना किसानों के लिए मिल का उद्घाटन भी किया है।
वहीं, रोसा टेक कंपनी के तकनीकी निदेशक रोहित आनंद ने बताया कि सरायकेला के हाथीमारा गांव में विभाग के सहयोग से १० एकड़ के तालाब क्षेत्र में एक एक्वा कल्चर प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है।
उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि गांव के १२५ घरों में से हर घर के कम से कम एक सदस्य को रोजगार उपलब्ध कराया जाए। आने वाले समय में यह परियोजना गांव की तरक्की और अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी।”