क्या झारखंड में 'खौफनाक ट्रेंड' जारी है? तिलैया डैम में छात्र की मौत

सारांश
Key Takeaways
- सेल्फी का जुनून जानलेवा हो सकता है।
- सुरक्षित स्थानों पर सेल्फी लें।
- जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है।
- खतरनाक स्थानों से दूर रहें।
- स्थानीय प्रशासन को कदम उठाने चाहिए।
कोडरमा, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारत और विश्व के विभिन्न हिस्सों में सेल्फी का चलन खतरनाक होता जा रहा है। लगातार सेल्फी लेने के दौरान भयानक घटनाओं की खबरें सामने आती रहती हैं। झारखंड में एक और बार सेल्फी के कारण एक छात्र ने अपनी जान गंवा दी है। यह जून महीने में झारखंड में डैम और झरने के बीच सेल्फी और रील के चलते चौथी मौत है।
वास्तव में, झारखंड के कोडरमा जिले के तिलैया डैम में शुक्रवार को सेल्फी लेते समय डूबने से 17 वर्षीय छात्र की मौत हो गई।
डैम में डूबे छात्र की पहचान सन्नी यादव के रूप में हुई है। वह कोडरमा जिले के डोमचांच थाना अंतर्गत सपही ग्राम निवासी संजय यादव का पुत्र था।
सूत्रों के अनुसार, वह अपने दो दोस्तों के साथ तिलैया डैम घूमने गया था। तीनों छात्र किनारे पर रखी एक खाली नाव पर सवार होकर डैम में गए। इस दौरान सेल्फी लेते समय नाव अनियंत्रित हो गई और सन्नी डैम में गिर गया। उसके दोस्त नाव से किनारे पहुंचे और स्थानीय लोगों को सूचित किया।
डैम के पास मौजूद नाविकों की मदद से करीब एक घंटे बाद सन्नी को बाहर निकाला जा सका। उसके परिजन उसे अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इससे पहले 19 जून को रांची के पास स्थित प्रसिद्ध पर्यटन स्थल जोन्हा फॉल में सेल्फी लेते वक्त दिल्ली पब्लिक स्कूल के संगीत शिक्षक 40 वर्षीय माइकल घोष बह गए थे। एनडीआरएफ की कोशिशों के बावजूद उनका आज तक कुछ पता नहीं चल सका है।
माइकल घोष अपने दो शिक्षक साथियों पंकज श्रीवास्तव और ऋतिक समद के साथ फॉल देखने गए थे। तीनों शिक्षक झरने के उस ऊपरी हिस्से तक पहुंचे, जहां से तेज रफ्तार में पानी गिरता है। इस दौरान जब तीनों झरने की सुंदरता का आनंद ले रहे थे, माइकल घोष तेज बहाव के बेहद करीब जाकर सेल्फी ले रहे थे। इसी दौरान उनका संतुलन बिगड़ गया और वह झरने की तेज धारा में बह गए।
हजारीबाग जिले के केरेडारी में 3 जून को दो युवकों की घाघरा डैम में डूबने से मौत हो गई। मृत युवकों में इसी जिले के कटकमदाग प्रखंड निवासी आशीष कुमार पासवान और सदर प्रखंड निवासी विशाल रविदास शामिल थे। दोनों डैम में ऊंचाई पर चढ़कर रील बना रहे थे। इसी में एक का पैर फिसला तो दूसरे ने बचाने का प्रयास किया, दोनों फिसलकर सौ फीट नीचे घाघरा डैम में गिर गए और उनकी जान चली गई।