क्या यूपी में इंटीग्रेटेड ई-चालान प्रणाली से रोड एक्सीडेंट में कमी आएगी?

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क्या यूपी में इंटीग्रेटेड ई-चालान प्रणाली से रोड एक्सीडेंट में कमी आएगी?

सारांश

क्या यूपी में नई ई-चालान प्रणाली सच में रोड एक्सीडेंट में कमी लाने में मदद करेगी? जानें कैसे यह प्रणाली सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए काम करेगी।

Key Takeaways

  • ई-चालान पोर्टल का विस्तृत इंटीग्रेशन
  • दुर्घटना डेटा विश्लेषण के माध्यम से सुधारात्मक कदम
  • बीमा एकीकरण से सुरक्षा बढ़ाना
  • यातायात पुलिस के त्वरित कार्रवाई की क्षमता
  • सारथी एप के माध्यम से एकीकृत सेवाएं

लखनऊ, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश में सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और रोड एक्सीडेंट में कमी लाने के लिए ई-चालान प्रक्रिया का इंटीग्रेशन किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में ट्रैफिक पुलिस और यातायात एवं परिवहन विभाग के संयुक्त प्रयासों से ई-चालान पोर्टल का विस्तार, दुर्घटना डेटा विश्लेषण और बीमा एकीकरण जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।

प्रक्रिया के तहत ई-चालान प्रणाली के वाहन और सारथी एप का इंटीग्रेशन किया जा रहा है, साथ ही एक्सीडेंट डेटा कलेक्शन के लिए ऑनलाइन डैशबोर्ड बनाया जा रहा है। इसके अलावा वाहन बीमा को भी ई-चालान से जोड़ने का प्रयास हो रहा है। इन प्रयासों से रोड एक्सीडेंट और इस दौरान होने वाली मृत्यु की संख्या में उल्लेखनीय कमी आएगी। प्रदेश सरकार के ये कदम राज्य में रोड सेफ्टी को नई दिशा प्रदान करेंगे।

प्रदेश में रोड सेफ्टी को बढ़ावा देने और रोड एक्सीडेंट के दौरान होने वाली मृत्यु की संख्या में कमी लाने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना पर अमल किया जा रहा है। हाल ही में संपन्न मुख्य सचिव की बैठक में स्वीकृति मिलने के बाद यूपी परिवहन विभाग एवं यातायात निदेशालय ने ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से पूरे प्रदेश में ई-चालान प्रक्रिया के इंट्रीग्रेशन का कार्य तेज कर दिया है। पहले चरण में प्रदेश के 17 जनपदों में यह प्रक्रिया एनआईसी के माध्यम से शुरू की जा चुकी है। शेष जनपदों में भी इसे जल्द लागू किया जाएगा, जिससे चालानों की ट्रैकिंग आसान होगी और डिफॉल्टर वाहन मालिकों पर त्वरित कार्रवाई संभव होगी।

यूपी परिवहन विभाग ने सारथी पोर्टल के माध्यम से ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े सभी चालानों का एकीकरण पूरा कर लिया है। इसके साथ ही वाहन और सारथी ऐप, ई-डार, आई रैड ऐप और ई-चालान पोर्टलों को एकीकृत करने के लिए एक एआई आधारित प्लेटफॉर्म विकसित किया जा रहा है। एक्सीडेंट डेटा कलेक्शन और विश्लेषण के लिए ऑनलाइन डैशबोर्ड भी बनाया जा रहा है। परिवहन विभाग ने ई-डार और आई रैड ऐप के जरिए सभी जनपदों में रोड एक्सीडेंट और चालानों की डेटा फीडिंग शुरू कर दी है और विश्लेषण के आधार पर सुधारात्मक कदम भी उठाए जा रहे हैं।

ई-चालान को वाहन बीमा से जोड़ने और पांच से अधिक चालानों पर प्रीमियम बढ़ाए जाने की योजना है, जिससे रोड एक्सीडेंट के मामलों में त्वरित इलाज और मुआवजे की व्यवस्था ऑनलाइन प्रक्रिया से की जा सके। नवंबर माह में संपन्न हुई बैठक में बीमा प्रतिनिधियों ने इस योजना को सैद्धांतिक सहमति दी है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रीमियम दरों में बदलाव आईआरडीएआई के माध्यम से ही संभव होगा। इसके अतिरिक्त, ट्रैफिक पुलिस और प्रवर्तन दलों को आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से लैस किया जा रहा है, जिससे चालान का प्रवर्तन और अधिक प्रभावी हो सके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में ये प्रयास उत्तर प्रदेश को रोड सेफ्टी के मामले में अग्रणी बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होंगे।

Point of View

जो एक सकारात्मक कदम है। लेकिन इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सभी stakeholders की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

ई-चालान प्रक्रिया क्या है?
ई-चालान प्रक्रिया एक डिजिटल प्रणाली है जो ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर चालान जारी करती है।
इस प्रक्रिया से रोड एक्सीडेंट में कैसे कमी आएगी?
इस प्रक्रिया के तहत डेटा विश्लेषण और चालान की ट्रैकिंग से त्वरित कार्रवाई संभव होगी, जिससे दुर्घटनाएं कम होंगी।
क्या ई-चालान बीमा से जुड़ा होगा?
हाँ, ई-चालान को वाहन बीमा से जोड़ने की योजना है, जिससे तेजी से मुआवजा मिल सके।
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