क्या झारखंड की जेलों में उम्रकैद काट रहे 51 कैदियों को रिहा किया जाएगा?

सारांश
Key Takeaways
- 51 कैदियों की रिहाई का निर्णय
- सीएम हेमंत सोरेन का महत्वपूर्ण पहल
- कैदियों के पुनर्वास की योजना
- सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति का सत्यापन
- मानसिक और शारीरिक चिकित्सा की आवश्यकता
रांची, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड की विभिन्न जेलों में उम्रकैद की सजा काट रहे 51 कैदियों को रिहा करने का निर्णय लिया गया है। यह फैसला शुक्रवार को सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में लिया गया।
बैठक में आजीवन सजा काट रहे 103 कैदियों की रिहाई से संबंधित मामलों का बारीकी से रिव्यू किया गया। हर कैदी की फाइल का गहन अध्ययन करने के बाद 51 कैदियों को रिहा करने पर सहमति बनी। रिहाई के निर्णय में न्यायालयों के आदेश, संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक, जेल अधीक्षक और प्रोबेशन अधिकारियों के विचारों को ध्यान में रखा गया।
सीएम हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि रिहा किए जाने वाले कैदियों के परिवारिक पृष्ठभूमि और सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति की जांच की जाए, और उनके जीवन यापन के लिए आय के साधन तैयार करने की योजना बनाई जाए। उन्होंने उन्हें स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम से जोड़ने और डेयरी फार्म, मुर्गी फार्म, पशुपालन आदि से लाभ उठाने का सुझाव दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रिहा हो रहे कैदियों को समाज की मुख्यधारा में लाना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि रिहा होने वाले कैदियों की सामाजिक, आर्थिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि का सत्यापन किया जाए। कारा महानिरीक्षक को निर्देश दिया गया कि रिहा होने वाले कैदियों का ट्रैक रिकॉर्ड रखा जाए। जिलों के पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारियों को भी रिहा हुए कैदियों की गतिविधियों की निरंतर निगरानी का निर्देश दिया गया। जिन कैदियों को रिहा किया जाएगा, उनमें से कई बीमार हैं और कुछ की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है।
सीएम हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सभी मामलों के लिए एक बेहतर कार्ययोजना तैयार की जाए ताकि कैदियों को शारीरिक और मानसिक चिकित्सा उपलब्ध कराई जा सके, ताकि वे सामान्य जीवन जी सकें। बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में सहमति के बाद से वर्ष 2019 से अब तक राज्य के विभिन्न कारागारों से 619 कैदियों को रिहा किया जा चुका है, जिनमें 558 कैदियों का विभाग द्वारा भौतिक सत्यापन भी किया गया है।
बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल, डीजीपी अनुराग गुप्ता, प्रधान सचिव-सह-विधि परामर्शी विधि (न्याय) नीरज कुमार श्रीवास्तव, कारा एवं सुधारात्मक सेवाओं के महानिरीक्षक सुदर्शन प्रसाद मंडल, न्यायिक आयुक्त अनिल कुमार मिश्रा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।