क्या झारखंड में नगर निगमों और निकायों में पिछड़ों के आरक्षण के लिए जनगणना सर्वे की रिपोर्ट जारी हुई?
सारांश
Key Takeaways
- झारखंड में पिछड़ों के आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट सर्वे की रिपोर्ट जारी हुई।
- धनबाद नगर निगम में ओबीसी की संख्या सबसे अधिक है।
- रिपोर्ट के आधार पर चुनावी प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है।
रांची, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के नौ नगर निगमों और 39 नगर निकायों में पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण निर्धारित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा कराए गए ट्रिपल टेस्ट सर्वे की रिपोर्ट जारी की गई है। राज्य के नगर विकास एवं आवास विभाग ने 19 नवंबर को यह रिपोर्ट जारी की, जिसमें सभी नगर निकायों के वार्डवार पिछड़ा वर्ग के आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं।
इन आंकड़ों के आधार पर वार्डों और विभिन्न पदों के लिए आरक्षण का निर्धारण किया जाएगा।
झारखंड में पिछड़ा वर्ग का आरक्षण प्रतिशत तय होने के कारण पिछले चार वर्षों से नगर निकायों के चुनाव रुके हुए हैं। रिपोर्ट जारी होने के बाद चुनावी प्रक्रिया की जल्द शुरुआत की संभावना जताई जा रही है।
सर्वोच्च न्यायालय ने नगर निकायों में पिछड़ों के लिए आरक्षण निर्धारित करने का निर्देश दिया था। इसके लिए राज्य सरकार ने ट्रिपल टेस्ट सर्वे के आधार पर पिछड़ा वर्ग की जनगणना करने का कार्य किया है।
राज्य सरकार की अधिसूचना में कहा गया है कि जनगणना के ये आंकड़े केवल नगर निकाय चुनावों के लिए उपयोग किए जाएंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड के नौ नगर निगमों में धनबाद नगर निगम में पिछड़े वर्गों की आबादी सबसे अधिक है। धनबाद में कुल 5,87,388 लोग ओबीसी श्रेणी में आते हैं, जिनमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग-I के 4,35,961 और पिछड़ा वर्ग-II के 1,51,427 लोग शामिल हैं। यह संख्या सभी नगर निगमों में सबसे ज्यादा है।
रांची नगर निगम क्षेत्र में ओबीसी की कुल आबादी 2,67,082 दर्ज की गई है, जिसमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग-I के 1,90,811 और पिछड़ा वर्ग-II के 76,271 लोग शामिल हैं। इसी तरह, हजारीबाग नगर निगम में पिछड़े वर्ग की कुल आबादी 1,04,334 पाई गई है। यहां इबीसी-I की संख्या 78,153 और बीसी- II की संख्या 26,181 है।
देवघर नगर निगम में ओबीसी की कुल आबादी 95,315 है। जमशेदपुर के मानगो नगर निगम में ओबीसी आबादी 88,390 है, जबकि औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े आदित्यपुर नगर निगम में यह संख्या केवल 57,086 है, जो राज्य के सभी नगर निगमों में सबसे कम है।
इसके अतिरिक्त, गिरिडीह, चास और मेदिनीनगर जैसे नगर निगमों में भी ओबीसी आबादी का विस्तृत विवरण जारी किया गया है। गिरिडीह में पिछड़े वर्गों की आबादी 1,18,111, चास में 82,434 और मेदिनीनगर में 72,795 दर्ज की गई है।