क्या झारखंड पुलिस ने इस साल अब तक 266 नक्सलियों को गिरफ्तार किया है और 30 ने आत्मसमर्पण किया?

सारांश
Key Takeaways
- 266 नक्सलियों की गिरफ्तारी इस वर्ष की महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
- 30 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
- 32 नक्सली मुठभेड़ में मारे गए हैं।
- 157 हथियार जब्त हुए हैं।
- नक्सल हिंसा में कमी आ रही है।
रांची, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड पुलिस ने इस वर्ष जनवरी से सितंबर तक नक्सल उन्मूलन अभियान में महत्वपूर्ण सफलताएँ प्राप्त की हैं। इस अवधि में कुल 266 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 30 नक्सलियों ने पुलिस और सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण किया। इस वर्ष अब तक पूरे राज्य में मुठभेड़ की घटनाओं में 32 नक्सली मारे गए हैं। यह जानकारी झारखंड के आईजी अभियान माइकल राज ने मंगलवार को राज्य पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदान की।
रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से सितंबर तक राज्यभर में चलाए गए अभियानों के दौरान विदेशी निर्मित 20 हथियारों सहित 157 हथियार जब्त किए गए। इनमें से 58 हथियार ऐसे हैं, जो पहले पुलिस से लूटे गए थे। इसके साथ ही 11,950 कारतूस, 18,884 डेटोनेटर और 394 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री भी बरामद की गई। इन अभियानों के दौरान नक्सलियों के 37 ठिकाने ध्वस्त किए गए और 228 आईईडी निष्क्रिय की गईं।
गिरफ्तार किए गए कुख्यात नक्सलियों में आरसीएम (टीएसपीसी) के अरविंद गंझू, आरसीएम (माओवादी) के जनफोजा एगरिया, जोनल कमांडर दीनू खेरवार, एसजेडसी (माओवादी) के शंकर गंझू और गणेश पासवान शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार नक्सलियों में से अधिकांश लंबे समय से फरार थे और कई पर लाखों रुपए के इनाम घोषित थे।
आईजी अभियान ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में कई मध्यम और शीर्ष स्तर के सदस्य शामिल हैं, जिन्होंने समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि राज्य में नक्सल हिंसा में लगातार कमी आई है। नक्सल उन्मूलन के लिए गठित विशेष टीमों ने तकनीकी निगरानी, सटीक खुफिया जानकारी और फील्ड एक्शन के तालमेल से यह सफलता हासिल की है।