क्या झारखंड में सड़क हादसों ने छ ह लोगों की जान ले ली?

सारांश
Key Takeaways
- सड़क पर सावधानी बरतना आवश्यक है।
- सरकार को सड़क सुरक्षा नियमों को सख्ती से लागू करना चाहिए।
- घायलों के लिए त्वरित चिकित्सा सहायता महत्वपूर्ण है।
- सड़क दुर्घटनाएँ जीवन को प्रभावित करती हैं।
- सुरक्षित ड्राइविंग आदतें विकसित करना जरूरी है।
रांची, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड में 12 घंटे के भीतर दो भिन्न सड़क हादसों में छह लोगों की जान चली गई, वहीं सात लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
शुक्रवार दोपहर को गिरिडीह-टुंडी मुख्य मार्ग पर ताराटांड़ थाना क्षेत्र के बड़कीटांड़ मोड़ के निकट तेज रफ्तार ट्रक और सवारी पिकअप वैन के बीच भयानक टक्कर हुई। यह टक्कर इतनी जोरदार थी कि पिकअप सड़क किनारे पलट गई और तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
मृतकों की पहचान नंद किशोर (47), कमल (38) और जगदीश भोक्ता (45) के रूप में हुई है। इस हादसे में सात लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनमें से दो को धनबाद स्थित मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। हादसे की सूचना मिलते ही एसडीपीओ जीतवाहन उरांव के साथ ताराटांड़ थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस और स्थानीय लोगों ने बड़ी मेहनत से घायलों को बाहर निकाला।
सूत्रों के अनुसार, पिकअप वैन पर सवार ज्यादातर लोग गिरिडीह के बेंगाबाद के निवासी थे और हजारीबाग में मजदूरी करते थे। वे दुर्गा पूजा की छुट्टी पर गांव लौट रहे थे।
इससे पहले, गुरुवार रात पूर्वी सिंहभूम जिले के बहरागोड़ा थाना क्षेत्र में एनएच-18 पर झरिया मोड़ के पास भीषण सड़क हादसा हुआ। कोलकाता से जमशेदपुर जा रही एक मारुति स्विफ्ट कार को पीछे से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने जोरदार टक्कर मारी। इस टक्कर के परिणामस्वरूप कार के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार तीनों की मौके पर ही मृत्यु हो गई।
मृतकों की पहचान कार चालक गणेश राय (50), जमशेदपुर निवासी कुसुमिता पटनायक (55) और उनकी बेटी मोनिका पटनायक (28) के रूप में हुई है। ये लोग किसी निजी कार्य के लिए कोलकाता गए थे और जमशेदपुर लौट रहे थे। शुक्रवार दोपहर शवों को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।