क्या जेकेएसए ने हिमाचल में कश्मीरी शॉल विक्रेता पर हुए हमले में राहुल गांधी से हस्तक्षेप की मांग की?
सारांश
Key Takeaways
- हिमाचल प्रदेश में कश्मीरी शॉल विक्रेता पर हमला हुआ।
- जेकेएसए ने इसकी कड़ी निंदा की।
- राहुल गांधी ने हस्तक्षेप का आश्वासन दिया।
- राज्य सरकार ने कार्रवाई की बात कही।
- मीरवाइज उमर फारूक ने विवादित पदनाम हटाया।
श्रीनगर, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर छात्र संघ (जेकेएसए) ने शनिवार की शाम को हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के देहरा में कश्मीरी शॉल विक्रेता जहांगीर अहमद के साथ हुई एक भयावह घटना की कड़ी निंदा की है। इस हमले में कुछ असामाजिक तत्वों ने शॉल विक्रेता को परेशान किया और उस पर बेरहमी से हमला किया। संघ ने इस मामले को विपक्ष के नेता राहुल गांधी के कार्यालय और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के कार्यालय के समक्ष उठाया है।
संघ के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुएहामी ने विपक्ष के नेता के राजनीतिक सचिव और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान से बातचीत की और मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।
खुहामी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी के कार्यालय ने पूर्ण समर्थन और हस्तक्षेप का आश्वासन दिया। वहीं, नरेश चौहान ने बताया कि एफआईआर दर्ज की जा रही है, पुलिस टीमें भेजी जा चुकी हैं, छापेमारी जारी है, और रात तक गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
उन्होंने आगे कहा कि इस घटना के संबंध में सख्त और उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हिंसा एवं धमकी के ऐसे कृत्यों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार कश्मीर घाटी के व्यापारियों और श्रमिकों सहित प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा, गरिमा और अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
वहीं, कश्मीर के प्रमुख धर्मगुरु और अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक ने अपने आधिकारिक 'एक्स' हैंडल से 'अध्यक्ष, सर्वदलीय हुर्रियत सम्मेलन' का पदनाम हटा दिया। उनके इस कदम की सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है। कुछ लोगों ने मीरवाइज उमर फारूक को उनके आदर्शों और विश्वासों से समझौता बताते हुए निशाना बनाया।
मीरवाइज के आधिकारिक कार्यालय मीरवाइज मंजिल ने सोशल मीडिया पर विस्तृत पोस्ट जारी कर इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। बयान में कहा गया, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ अवसरवादी लोगों का एक ग्रुप, जिन्हें सब जानते हैं, इस बारे में 'नैतिकता' का पाठ पढ़ा रहा है। मीरवाइज कश्मीर के 'एक्स' हैंडल से हुर्रियत प्रमुख के पदनाम हटाने को गलत सोच के तहत ऐसे पेश किया जा रहा है जैसे उन्होंने अपने आदर्शों और विश्वासों को छोड़ दिया हो।"