क्या कानपुर में 'बरेली पैटर्न' पर हिंसा भड़काने की साजिश नाकाम हुई?

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क्या कानपुर में 'बरेली पैटर्न' पर हिंसा भड़काने की साजिश नाकाम हुई?

सारांश

कानपुर में बरेली की तरह नमाज के बाद हिंसा भड़काने की साजिश की गई, जो पुलिस द्वारा समय पर नाकाम कर दी गई। जानिए इस घटना के पीछे का सच और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।

Key Takeaways

  • कानपुर में हिंसा भड़काने की साजिश को नाकाम किया गया।
  • मुख्य आरोपी जुबैर अहमद को गिरफ्तार किया गया।
  • पुलिस ने शांति बनाए रखने के लिए त्वरित कार्रवाई की।
  • भड़काऊ ऑडियो के जरिए लोगों को उत्तेजित करने का प्रयास किया गया।
  • पुलिस ने 10 एफआईआर दर्ज की और 39 लोगों को हिरासत में लिया।

कानपुर, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बरेली में हुई हिंसा के आधार पर कानपुर में भी नमाज के बाद हिंसा भड़काने की एक साजिश की गई थी। यह जानकारी कानपुर के संयुक्त पुलिस आयुक्त आशुतोष कुमार ने दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि कानपुर में बवाल की कोशिश की गई थी, जिसे समय पर नाकाम कर दिया गया।

संयुक्त पुलिस आयुक्त ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "रेल बाजार थाने के अंतर्गत सुजातगंज चौकी पर जुबैर अहमद खान के बारे में जानकारियाँ मिलीं। उसके उकसाने पर लगभग 20-25 युवक एकत्रित हुए और बीएनएसएस की धारा 163 लागू होने के बावजूद शांति भंग करने की कोशिश की।"

सूचना मिलने पर पुलिस प्रशासन तुरंत अलर्ट हुआ और मामले की जांच करने पर इसे सही पाया गया। सुजातगंज की अजमेरी मस्जिद के पास दंगा भड़काने की योजना थी। मुख्य आरोपी जुबेर अहमद उर्फ जुबेर गाजी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।

संयुक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि एकत्रित लोगों की पहचान भी की जा रही है। इस घटना में शामिल लोगों की तलाश के लिए पुलिस टीम बनाकर छापेमारी की जा रही है। लोगों से जिले में शांति बनाए रखने की अपील की गई है।

उन्होंने कहा कि मस्जिद के बाहर भड़काऊ ऑडियो सुनाकर लोगों को उत्तेजित करने का प्रयास किया गया था, जिससे वहाँ मौजूद लोगों में गुस्सा और अफरा-तफरी फैल गई। लेकिन पुलिस ने समय रहते स्थिति को काबू में कर लिया।

बरेली में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद 'आई लव मोहम्मद' के बैनर और नारों के साथ तनाव उत्पन्न हुआ था। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर उतरकर 'आई लव मोहम्मद' और 'नारा-ए-तकदीर' जैसे नारे लगाए और बैनर लहराए थे।

स्थिति अनियंत्रित होने पर पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। हंगामे के बाद पुलिस ने 10 एफआईआर दर्ज की और 39 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया। बरेली पुलिस ने इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा को भी गिरफ्तार किया है।

Point of View

यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि समाज में शांति बनाए रखना कितना आवश्यक है। कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है। हमें एकजुट होकर ऐसे मामलों का सामना करना चाहिए।
NationPress
28/09/2025

Frequently Asked Questions

कानपुर में हिंसा भड़काने की साजिश किसने की?
इस साजिश के मुख्य आरोपी जुबैर अहमद खान हैं, जिन्होंने युवाओं को उकसाने का प्रयास किया।
पुलिस ने इस मामले में क्या कार्रवाई की?
पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया और घटनास्थल पर मौजूद लोगों की पहचान कर रही है।
क्या पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए कोई कदम उठाए?
हां, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।