क्या कर्नाटक में आरएसएस को चित्तपुर में रूट मार्च की अनुमति मिलेगी?

सारांश
Key Takeaways
- आरएसएस ने चित्तपुर में 2 नवंबर को रूट मार्च के लिए आवेदन दिया।
- उच्च न्यायालय ने आरएसएस के संशोधित प्रस्ताव पर विचार करने का निर्देश दिया।
- कलबुर्गी में आरएसएस ने 250 से अधिक शांति मार्च आयोजित किए हैं।
- कानून-व्यवस्था की चिंताओं के कारण पहले प्रस्तावित मार्च अस्वीकृत हुआ था।
- आवेदन प्रक्रिया में प्रशासन से संपर्क साधा गया।
कलबुर्गी, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक के कलबुर्गी जिले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्यों ने चित्तपुर शहर में 2 नवंबर को शताब्दी रूट मार्च आयोजित करने के लिए एक नया आवेदन प्रस्तुत किया है।
यह कदम कर्नाटक उच्च न्यायालय के हालिया आदेश का पालन करते हुए उठाया गया है। उच्च न्यायालय ने विशेष सुनवाई के दौरान जिला प्रशासन को निर्देश दिए थे कि वह आरएसएस के संशोधित प्रस्ताव पर विचार करे और 24 अक्टूबर तक कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
आरएसएस के चित्तपुर संयोजक ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसमें चित्तपुर तहसीलदार के 18 अक्टूबर के निर्णय को चुनौती दी गई थी।
तहसीलदार ने मूल रूप से 19 अक्टूबर को प्रस्तावित मार्च को कानून-व्यवस्था की चिंताओं के कारण अस्वीकृत कर दिया था। उन्होंने बताया कि भीम आर्मी और भारतीय दलित पैंथर्स जैसे अन्य संगठनों ने भी उसी दिन और समय पर रैली का प्रस्ताव दिया था, जिससे टकराव का खतरा उत्पन्न हो सकता था। आरएसएस ने तारीख बदलकर 2 नवंबर का सुझाव दिया, जिसे उच्च न्यायालय ने स्वीकार किया।
उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान आरएसएस से नया आवेदन दाखिल करने को कहा। कोर्ट ने यह भी नोट किया कि राज्य में आरएसएस ने 250 से अधिक रूट मार्च शांति से आयोजित किए हैं, जिनमें चित्तपुर में ही 12 कार्यक्रम सफल रहे। याचिकाकर्ता ने आश्वासन दिया कि इस मार्च में भी शांति और सद्भाव बनाए रखा जाएगा। कोर्ट ने प्रशासन से यह भी पूछा कि क्या ऐसी मार्च के लिए अनुमति आवश्यक है, यदि यह विरोध प्रदर्शन नहीं है।
वहीं, आरएसएस कार्यकर्ताओं ने आवेदन दाखिल करने के लिए कलबुर्गी जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) के आधिकारिक ईमेल, सरकारी फोन नंबर और व्हाट्सएप नंबर मांगे। दीपावली के कारण डीएम कार्यालय बंद था, इसलिए वे डीएम के सरकारी आवास पहुंचे।