क्या करूर भगदड़ में 38 लोगों की जान चली गई? 10 बच्चे भी शामिल, जांच आयोग का गठन

सारांश
Key Takeaways
- 38 लोगों की मौत हुई है।
- इसमें 10 बच्चे भी शामिल हैं।
- पुलिस ने 2000 कर्मियों को तैनात किया।
- जांच आयोग का गठन किया गया है।
- भीड़ प्रबंधन में कमी की गई थी।
चेन्नई, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के करूर में हुई भदगड़ की घटना में अब तक 38 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जी. वेंकटरमन ने जानकारी दी कि मरने वालों में 12 पुरुष, 16 महिलाएं, 5 लड़के और 5 बच्चियां, यानी कुल 10 बच्चे शामिल हैं।
डीजीपी जी वेंकटरमन ने करूर घटना के संदर्भ में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यह एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। उन्होंने बताया कि घटना के बाद हमने त्वरित कार्रवाई करते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डेविडसन के नेतृत्व में 3 पुलिस महानिरीक्षकों, 2 पुलिस उपमहानिरीक्षकों और 10 पुलिस अधीक्षकों समेत 2000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया।
उन्होंने यह भी बताया कि तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) के पूर्व कार्यक्रमों को ध्यान में रखते हुए उनके अनुरोध पर कार्यक्रम स्थल आवंटित किया गया था। हालांकि, उन्हें लगभग 10 हजार लोगों के आने की उम्मीद थी, लेकिन लगभग 27 हजार लोग इकट्ठा हो गए। विजय के अभियान के दौरान सुरक्षा के लिए 500 पुलिसकर्मी तैनात थे।
महत्वपूर्ण यह है कि कार्यक्रम की अनुमति केवल दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक के लिए दी गई थी, लेकिन भीड़ सुबह 11 बजे से ही जुटने लगी। विजय शाम 7:40 बजे पहुंचे और तब तक भीड़ को पर्याप्त पानी या भोजन नहीं मिला था। भीड़ बढ़ती रही।
डीजीपी ने बताया कि पुलिस प्रशासन ने पार्टी कार्यकर्ताओं को भीड़ में अनुशासन बनाए रखने का निर्देश दिया। हालांकि, अप्रत्याशित भीड़ का मतलब यह नहीं है कि हमें 27 हजार लोगों के लिए सुरक्षा तैनाती की उम्मीद करनी चाहिए थी।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि जांच आयोग इस दुखद घटना के कारणों का पता लगाएगा। डीजीपी ने बताया कि घटना की जांच के लिए एक सदस्यीय आयोग का गठन किया गया है। हालांकि, इस बारे में उन्होंने फिलहाल अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया।