क्या काशी तमिल संगमम 4.0 के किसानों ने अयोध्या में रामलला के दर्शन किए?

Click to start listening
क्या काशी तमिल संगमम 4.0 के किसानों ने अयोध्या में रामलला के दर्शन किए?

सारांश

अयोध्या में किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने काशी तमिल संगमम 4.0 के अंतर्गत श्री राम जन्मभूमि मंदिर, हनुमानगढ़ी और सरयू नदी का दर्शन किया। यह यात्रा किसानों के लिए भावनात्मक और ऐतिहासिक क्षण बन गई। जानिए इस यात्रा का महत्व और किसानों की भावनाएं।

Key Takeaways

  • राम मंदिर का दर्शन किसानों के लिए एक ऐतिहासिक अनुभव था।
  • सरयू नदी के तट पर बैठकर किसानों ने आध्यात्मिक शांति का अनुभव किया।
  • हनुमानगढ़ी में किसानों को जीवन के संघर्षों से लड़ने की प्रेरणा मिली।
  • काशी तमिल संगमम ने सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा दिया।
  • यह यात्रा सदियों की प्रतीक्षा का फल है।

अयोध्या, ११ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। काशी तमिल संगमम 4.0 के अंतर्गत आए किसानों के प्रतिनिधिमंडल के लिए गुरुवार का दिन भावनात्मक और ऐतिहासिक क्षण बन गया। प्रतिनिधिमंडल ने अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर, हनुमानगढ़ी और पवित्र सरयू नदी का दर्शन किया और इस अनुभव ने हर किसान के दिल को गहराई से स्पर्श किया।

जैसे ही किसान राम मंदिर के दर्शन स्थल पर पहुंचे, उनके कदम थम गए और आंखें नम हो उठीं। कई किसान भावुक होकर बोले कि यह केवल दर्शन नहीं, बल्कि ५०० वर्षों की आस्था, संघर्ष और प्रतीक्षा की पूर्णता है। प्रभु श्रीराम की भव्य प्रतिमा को देखते ही उनके भीतर संचित भावनाएं उमड़ पड़ीं। कुछ किसान तो हाथ जोड़कर खड़े ही रह गए, मानो उनके पास शब्द ही न बचे हों। उन्होंने कहा कि आज उन्हें महसूस हुआ कि “सदियों की प्रतीक्षा का फल मिल गया।”

इसके बाद किसानों ने हनुमानगढ़ी पहुंचकर बजरंगबली के चरणों में प्रणाम किया। जयकारों की गूंज और भक्तिभाव से भरे वातावरण ने उन्हें भीतर तक ऊर्जा से भर दिया। कई किसानों ने कहा कि हनुमानजी के दरबार में खड़े होकर उन्हें जीवन के संघर्षों से लड़ने की प्रेरणा मिली।

दोपहर में जब वे सरयू नदी के तट पहुंचे, तो नदी की ठंडी हवा और शांत प्रवाह ने उन्हें गहरी आध्यात्मिक शांति प्रदान की। किसान सरयू जी के किनारे बैठकर देर तक उस शांति को महसूस करते रहे। कई ने कहा कि सरयू के सामने मन पूरी तरह से स्थिर हो गया जैसे सारी थकान बहती लहरों में समा गई हो।

प्रतिनिधिमंडल ने अत्यंत भावुक होकर कहा कि काशी तमिल संगमम ने उन्हें केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं दी, बल्कि आस्था, इतिहास और आध्यात्मिकता को करीब से अनुभव करने का अवसर दिया। यह यात्रा, विशेषकर राम मंदिर का दर्शन, उनके लिए सदैव स्मरणीय रहेगा।

काशी तमिल संगमम 4.0 उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक एकता का सेतु बनकर, ऐसे भावपूर्ण क्षणों को जन्म दे रहा है और किसानों का यह अनुभव उसी एकता की सबसे सुंदर मिसाल है।

Point of View

बल्कि यह हमारे समाज की एकता और आस्था का प्रतीक है। काशी तमिल संगमम 4.0 ने किसानों को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान किया, जो हमें हमारी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ता है।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

काशी तमिल संगमम 4.0 का उद्देश्य क्या है?
काशी तमिल संगमम 4.0 का उद्देश्य उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देना है।
किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने क्या दर्शन किया?
किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर, हनुमानगढ़ी और सरयू नदी का दर्शन किया।
इस यात्रा का किसानों पर क्या प्रभाव पड़ा?
इस यात्रा ने किसानों को भावनात्मक और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान किया, जिससे उनकी आस्था और विश्वास को मजबूती मिली।
Nation Press