क्या कश्मीर में शांति की नई सुबह है? आतंकवाद पर नियंत्रण: संजय निरुपम

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क्या कश्मीर में शांति की नई सुबह है? आतंकवाद पर नियंत्रण: संजय निरुपम

सारांश

क्या जम्मू-कश्मीर में शांति की नई सुबह आ रही है? संजय निरुपम ने धारा-370 के हटने के बाद आतंकवाद पर नियंत्रण की बात की है। क्या यह सच है?

Key Takeaways

  • धारा-370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में सुधार हुआ है।
  • आतंकवाद पर नियंत्रण स्थापित हुआ है।
  • एनडीए गठबंधन में सीटों को लेकर बातचीत चल रही है।
  • कांग्रेस का विरोध आश्चर्यजनक है।
  • इजरायल भारत का मित्र है।

मुंबई, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उनका कहना है कि धारा-370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में स्थिति में सुधार आया है और आतंकवाद पर काफी हद तक नियंत्रण स्थापित किया गया है।

उन्होंने आगे कहा, "यह एक बड़ा सच है, अनुच्छेद 370 हटाते समय प्रदेश को तीन हिस्सों में बांटा गया। अब इन केंद्रशासित प्रदेशों की अपनी मांगें हैं। सुप्रीम कोर्ट को वहां की जनभावनाओं का सम्मान करते हुए निर्णय लेना चाहिए, क्योंकि ये सीमावर्ती क्षेत्र हैं और इनकी संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए ही कोई फैसला किया जाना चाहिए।"

बिहार में एनडीए गठबंधन में सीट साझेदारी पर उन्होंने कहा कि इस विषय को अनावश्यक रूप से तूल दिया जा रहा है।

निरुपम ने कहा कि तीन दलों के गठबंधन में सीटों को लेकर खींचतान स्वाभाविक है। भाजपा और जेडीयू बड़ी पार्टियां हैं, जबकि चिराग पासवान और जीतनराम मांझी की छोटी पार्टियां अधिक सीटों की मांग करती हैं। इस पर कई दौर की बातचीत चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए जल्द ही एक संतुलित फैसला करेगा। पूरा बिहार एनडीए के समर्थन में है और कोई भी दल इस सकारात्मक माहौल को खराब नहीं करेगा।

उत्तर प्रदेश के बरेली और संभल पर बोलते हुए संजय निरुपम ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसी गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस उनका विरोध क्यों कर रही है?

निरुपम ने सवाल उठाया, "क्या कांग्रेस जिहादी प्रवृत्ति का समर्थन करती है? क्या वह चाहती है कि दंगे हों, हिंदुओं पर हमले हों, और उनकी जमीनों पर कब्जा हो?"

अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बोलते हुए निरुपम ने एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी द्वारा इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की निंदा की।

उन्होंने कहा कि इजरायल भारत का मित्र देश है और नेतन्याहू हमास के हमलों के बाद अपने नागरिकों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह लड़ाई हमास के खिलाफ है, न कि फिलिस्तीनियों के।

उन्होंने कहा कि अगर फिलिस्तीनी शांति चाहते हैं, तो उन्हें हमास से मुक्ति पानी होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने शांति प्रयास आगे बढ़ाए हैं और प्रधानमंत्री मोदी ने इसका समर्थन किया है। ओवैसी को इस विषय पर ऐतराज करने का कोई अधिकार नहीं है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति में सुधार हो रहा है। धारा-370 का हटना एक महत्वपूर्ण कदम था और अब हमें यह देखना होगा कि भविष्य में क्या निर्णय लिए जाते हैं। देश की एकता और अखंडता को ध्यान में रखते हुए सभी पक्षों को अपने-अपने दृष्टिकोण को संतुलित करने की आवश्यकता है।
NationPress
10/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या धारा-370 हटने से कश्मीर में शांति आई है?
संजय निरुपम के अनुसार, धारा-370 हटने के बाद कश्मीर में स्थिति में सुधार हुआ है और आतंकवाद पर नियंत्रण पाया गया है।
एनडीए गठबंधन में सीट साझेदारी का क्या हाल है?
संजय निरुपम ने बताया कि सीटों को लेकर खींचतान स्वाभाविक है और एनडीए जल्द ही संतुलित निर्णय करेगा।
कांग्रेस का विरोध क्यों?
संजय निरुपम ने कहा कि कांग्रेस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्रवाई का विरोध कर रही है, जो आश्चर्यजनक है।
इजरायल और भारत के संबंध कैसे हैं?
इजरायल भारत का मित्र देश है और निरुपम ने ओवैसी की टिप्पणियों की निंदा की है।
क्या फिलिस्तीनी शांति चाहते हैं?
निरुपम का कहना है कि फिलिस्तीनियों को हमास से मुक्ति पानी होगी।