क्या केंद्र सरकार मछली निर्यात को दोगुना करने में सफल होगी?

सारांश
Key Takeaways
- मछली निर्यात को दोगुना करने का लक्ष्य।
- कौशल विकास और प्रशिक्षण पर जोर।
- वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना।
- नवाचार और तकनीक का महत्व।
- मछली उत्पादन में वृद्धि के लिए योजनाएं।
भुवनेश्वर, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय मछुआरा दिवस के अवसर पर गुरुवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने मछली पालन के क्षेत्र में नवाचार और तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि मछली निर्यात को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही उन्होंने मत्स्य पालन करने वालों के लिए प्रशिक्षण देने की योजना का भी उल्लेख किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने मत्स्य पालन क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर और मजबूत करने के लिए मछली निर्यात को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने भुवनेश्वर के आईसीएआर-सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेशवाटर एक्वाकल्चर (सीआईएफए) में मत्स्य पालन प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "आईसीएआर (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) ने नई तकनीकों को मछुआरों और किसानों तक पहुंचाने में बड़ी सफलता हासिल की है। यहां प्रदर्शित तकनीकें और मॉडल न केवल आशाजनक हैं, बल्कि मछली उत्पादन को बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सक्षम हैं।" मंत्री ने देश के मत्स्य पालन क्षेत्र की वैश्विक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया, "वर्तमान में भारत का मछली निर्यात 60,500 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। हम इसे दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" उन्होंने गुणवत्ता, स्थिरता और अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर ध्यान देने के लिए सभी हितधारकों से एकजुट होकर काम करने की अपील की।
राजीव रंजन सिंह ने वैज्ञानिक तरीकों से मछली पालन को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि ये नई तकनीकें देश के हर मछुआरे और किसान तक पहुंचें। इसके लिए कौशल विकास और प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।"
उन्होंने बताया कि सरकार जल्द ही मत्स्य पालन प्रबंधन, वैज्ञानिक प्रजनन और एकीकृत खेती मॉडल पर केंद्रित नई योजनाएं शुरू करेगी। उन्होंने कहा, "हमारा उत्पादन लक्ष्य मछुआरों और किसानों की भागीदारी पर निर्भर करता है, लेकिन हम एक स्पष्ट रणनीति और मजबूत इरादे के साथ आगे बढ़ रहे हैं, ताकि भारत मछली पालन में वैश्विक लीडर बने।" इस आयोजन में केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल, जॉर्ज कुरियन और ओडिशा के मत्स्य पालन मंत्री गोकुलानंद मलिक भी शामिल हुए।
पिछले 11 वर्षों में भारत का मछली उत्पादन 95.79 लाख टन से बढ़कर 195 लाख टन हो गया है, जिसमें अंतर्देशीय मत्स्य पालन का योगदान 140 प्रतिशत बढ़ा है।