क्या केंद्र सरकार ने ओडिशा में एनएच 326 के अपग्रेड को मंजूरी दी है? 1,526.21 करोड़ का होगा खर्च

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क्या केंद्र सरकार ने ओडिशा में एनएच 326 के अपग्रेड को मंजूरी दी है? 1,526.21 करोड़ का होगा खर्च

सारांश

ओडिशा में एनएच-326 के अपग्रेडेशन से सड़क की गुणवत्ता में सुधार होगा, जिससे दक्षिणी ओडिशा में यात्रा सुविधा बढ़ेगी। यह प्रोजेक्ट 1,526.21 करोड़ रुपए की लागत से होगा और इससे औद्योगिक और पर्यटन विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। जानें इस महत्वाकांक्षी परियोजना के बारे में अधिक।

Key Takeaways

  • 1,526.21 करोड़ रुपए की लागत का प्रोजेक्ट।
  • दक्षिणी ओडिशा में कनेक्टिविटी को बढ़ावा।
  • सड़क की गुणवत्ता में सुधार होगा।
  • आर्थिक और लॉजिस्टिक्स केंद्रों को जोड़ेगा।
  • 24 महीने में पूरा करने का लक्ष्य।

नई दिल्ली, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ओडिशा राज्य में एनएच-326 के 68,600 किलोमीटर से 311,700 किलोमीटर तक मौजूदा 2-लेन को पेव्ड शोल्डर (सड़क के किनारे बनी पक्की, समतल पट्टी) सहित 2-लेन में बदलने और मजबूत करने के लिए मंजूरी प्रदान की है।

यह प्रोजेक्ट दक्षिणी ओडिशा (गजपति, रायगड़ा और कोरापुट जिलों) में स्थित है और इससे गाड़ियों की आवाजाही तेज और सुरक्षित होगी, जिससे राज्य के अंदर और राज्यों के बीच कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण सुधार होगा। यह औद्योगिक और पर्यटन विकास को भी बढ़ावा देगा और आकांक्षी तथा आदिवासी क्षेत्रों में सेवाओं तक पहुंच को बेहतर बनाएगा।

आर्थिक मामलों की मंत्रिमण्‍डलीय समिति (सीसीईए) के अनुसार, इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 1,526.21 करोड़ रुपए है, जिसमें 966.79 करोड़ रुपए की सिविल कंस्ट्रक्शन लागत शामिल है।

सीसीईए ने आगे कहा, "एनएच-326 के अपग्रेडेशन से यात्रा तेज, सुरक्षित और अधिक भरोसेमंद होगी, जिससे दक्षिणी ओडिशा खासकर गजपति, रायगड़ा और कोरापुट जिलों को लाभ होगा।"

बेहतर सड़क कनेक्टिविटी से स्थानीय समुदायों, उद्योगों, शिक्षण संस्थानों और पर्यटन केंद्रों को सीधे लाभ होगा। इससे बाजारों, स्वास्थ्य सेवाओं और रोजगार के अवसरों तक पहुंच बेहतर होगी, जिससे क्षेत्र के समावेशी विकास में योगदान मिलेगा।

नेशनल हाईवे (एनएच-326) के मोहना-कोरापुट सेक्शन की मौजूदा स्थिति अच्छी नहीं है। मौजूदा सड़क अलाइनमेंट, कैरिजवे की चौड़ाई और ज्योमेट्रिक कमियों के कारण भारी वाहनों की सुरक्षित और कुशल आवाजाही में दिक्कत होती है।

कैबिनेट के अनुसार, इस कॉरिडोर को 2-लेन का बनाकर, पक्की सड़कों, ज्योमेट्रिक सुधार (मोड़ों को सीधा करना और ग्रेडिएंट में सुधार) और फुटपाथ को मजबूत करके इन रुकावटों को दूर किया जाएगा। इससे सामान और यात्रियों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित होगी और गाड़ियों के चलाने का खर्च कम होगा।

इस अपग्रेडेशन से मोहना-कोरापुट से बड़े आर्थिक और लॉजिस्टिक्स कॉरिडोर तक सीधी और बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। यह एनएच-26, एनएच-59, एनएच-16 और रायपुर-विशाखापत्तनम कॉरिडोर से जुड़ेगा, जिससे गोपालपुर बंदरगाह, जयपुर हवाई अड्डा और कई रेलवे स्टेशनों तक लास्ट-माइल एक्सेस में सुधार होगा।

यह कॉरिडोर महत्वपूर्ण औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स केंद्रों (जेके पेपर, मेगा फूड पार्क, नाल्को, आईएमएफए, उत्कल एल्यूमिना) और शिक्षा/पर्यटन केंद्रों (सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ ओडिशा, कोरापुट मेडिकल कॉलेज) को जोड़ता है, जिससे माल की आवाजाही तेज होगी और यात्रा का समय कम होगा।

हर पैकेज के लिए तय तारीख से 24 महीनों में काम पूरा करने का लक्ष्य है, जिसके बाद पांच साल की डिफेक्ट लायबिलिटी/रखरखाव अवधि होगी।

Point of View

जो कि आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है।
NationPress
31/12/2025

Frequently Asked Questions

इस परियोजना से कब तक काम पूरा होगा?
इस परियोजना के हर पैकेज का काम 24 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
एनएच-326 के अपग्रेडेशन से क्या लाभ होगा?
इससे यात्रा तेज, सुरक्षित और अधिक भरोसेमंद होगी, जो औद्योगिक और पर्यटन विकास को बढ़ावा देगी।
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