क्या खंडवा में मौलाना के खिलाफ केस दर्ज करना उचित है?

सारांश
Key Takeaways
- खंडवा में मौलाना के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
- ओवैसी ने इसे आर्टिकल-19 का उल्लंघन बताया है।
- भाजपा विधायक ने ओवैसी को तिल का ताड़ बनाने की आदत का आरोप लगाया।
भोपाल, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में बिहार के इमाम अख्तर रजा के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी आपत्ति जताई है।
ओवैसी के बयान पर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने तीखा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ओवैसी को तिल का ताड़ बनाने की आदत है।
रामेश्वर शर्मा ने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में कहा, "कुछ मानदंड होते हैं, चाहे वह मंदिर हो या मस्जिद या अन्य धार्मिक स्थल। यदि किसी अन्य प्रांत से कोई अपरिचित व्यक्ति वहां रहता है और उसकी जवाबदेही कोई स्थानीय नागरिक नहीं लेता है, तो उसकी जानकारी संबंधित थाने को देनी चाहिए। हमें किसी भी नागरिक के रहने पर आपत्ति नहीं है, लेकिन बाहरी व्यक्ति के बारे में जानकारी देना आवश्यक है।"
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई इमाम दूसरे प्रांत से आया था, तो उसे पुलिस या किसी जिम्मेदार नागरिक को सूचना देनी चाहिए थी।
उन्होंने आगे कहा, "ओवैसी जैसे नेताओं को तिल का ताड़ बनाने की आदत है। उनके पास कोई महत्वपूर्ण काम नहीं है, इसलिए वे इस मुद्दे पर चर्चा करना चाहते हैं कि मौलाना को क्यों पकड़ा गया। उन्हें यह समझाना चाहिए कि जब वे कहीं रहते हैं, तो उन्हें अपनी जानकारी थानों को देनी चाहिए ताकि कोई अनहोनी न हो।"
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि खंडवा की मस्जिद में बिहार के इमाम की नियुक्ति पर केस दर्ज करना आर्टिकल-19 का उल्लंघन है। मैं खंडवा के एसपी को बताना चाहता हूं कि यह हमारा अधिकार है। यदि कोई मुसलमान है, तो आप इस आधार पर केस दर्ज नहीं कर सकते।