क्या किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि वे देश की टैक्स मनी को हंगामा करके बर्बाद कर रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- किरेन रिजिजू ने विपक्ष के हंगामे की कड़ी आलोचना की।
- विपक्ष पर टैक्स का पैसा बर्बाद करने का आरोप लगाया।
- सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई।
- विपक्ष ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की मांग की।
- सदन को पूरे दिन के लिए स्थगित किया गया।
नई दिल्ली, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। संसद के मानसून सत्र में विपक्षी दलों के निरंतर हंगामे के बीच केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सख्त आलोचना की। उन्होंने विपक्ष पर "टैक्स का पैसा बर्बाद करने" और वर्तमान सत्र के दौरान जानबूझकर सदन की कार्यवाही को बाधित करने का आरोप लगाया।
किरेन रिजिजू ने लोकसभा में मंगलवार को कहा कि बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि पहले 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा होगी। इसके लिए समय भी निर्धारित किया गया था। एक साथ सभी मुद्दों पर चर्चा करना कैसे संभव है? फिर भी, सहयोग करने के बजाय, उन्होंने तख्तियां लेकर आए और सदन की कार्यवाही में व्यवधान डाला। यह निंदनीय है कि वे हर समय नियमों के विरुद्ध तख्तियां लेकर प्रदर्शन करते हैं, जबकि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में यह तय किया गया था कि पोस्टर, बैनर लेकर सदन में नहीं आना है।
उन्होंने आगे कहा, "पोस्टर-बैनर लेकर सदन को बाधित करना आपत्तिजनक है, वे (विपक्ष) चर्चा की मांग कर रहे हैं और हम इसके लिए तैयार हैं। फिर वे सदन क्यों नहीं चलने दे रहे? यह दोहरा मापदंड गलत है। यदि आप चर्चा चाहते हैं, तो हंगामा न करें। सरकार ने बार-बार कहा है कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं। लेकिन वे हंगामा क्यों कर रहे हैं, इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? देश की टैक्स मनी को आप हंगामा करके बर्बाद कर रहे हैं। इसका जवाब देना होगा। आप लोग सदन का समय बर्बाद कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी और उनके कुछ साथी दो दिन से हंगामा कर रहे हैं। मैं इसका खंडन करना चाहता हूं।
संसद के मानसून सत्र का दूसरा दिन भी हंगामे के कारण स्थगित हो गया। विपक्ष के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर), पहलगाम हमले और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग की और जमकर नारेबाजी की। जिसके परिणामस्वरूप सदन को पूरे दिन के लिए स्थगित करना पड़ा।