क्या कृषि और किसान कल्याण विभाग का लक्ष्य देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है? : शिवराज सिंह चौहान

सारांश
Key Takeaways
- कृषि मंत्री ने खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएँ प्रस्तुत की हैं।
- दालों में आत्मनिर्भरता के लिए विशेष मिशन की शुरुआत की गई है।
- किसानों को निःशुल्क बीज और किट प्रदान की जाएंगी।
- उत्पादकता बढ़ाने के लिए विशेष रणनीतियाँ अपनाई जाएंगी।
- प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित कर उचित मूल्य सुनिश्चित किया जाएगा।
नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कृषि और किसान कल्याण विभाग का प्रमुख उद्देश्य देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, किसानों की आय में वृद्धि करना और पोषणयुक्त अनाज प्रदान करना है। इसके लिए हम छह आयामों पर काम कर रहे हैं- उत्पादन को बढ़ाना, लागत में कमी लाना, उचित मूल्य देना, नुकसान की भरपाई करना, कृषि का विविधीकरण और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना।
उन्होंने कहा कि उत्पादन बढ़ाने के संदर्भ में गर्व है कि साल 2014 से अब तक खाद्यान्न उत्पादन लगभग 40 प्रतिशत बढ़ा है। गेहूं, चावल, मक्का, और सोयाबीन में रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। इस क्षेत्र में हम आत्मनिर्भर हैं और हमने 4 लाख करोड़ से अधिक का निर्यात किया है।
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि हम दालों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर नहीं हैं। भारत दालों का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है, लेकिन सबसे अधिक आयात भी करता है, इसलिए प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में दालों में आत्मनिर्भरता के लिए दलहन मिशन स्थापित किया गया है। हमारा लक्ष्य है कि 2030-31 तक दालों के क्षेत्रफल को बढ़ाएंगे। वर्तमान में यह 275 लाख हेक्टेयर है, जिसे बढ़ाकर 310 लाख हेक्टेयर करने की योजना है।
हमारा दालों का उत्पादन 242 लाख टन है, जिसे बढ़ाकर 350 लाख टन करना है। हेक्टेयर उत्पादकता 881 किलो प्रति हेक्टेयर है, जिसे बढ़ाकर 1,030 किलो प्रति हेक्टेयर करने का लक्ष्य है।
इसके लिए हमने एक रणनीति बनाई है, जिसमें अनुसंधान और विकास शामिल है। दालों के ऐसे बीज विकसित किए जाएंगे जिनकी उत्पादकता अधिक हो और जो रोग प्रतिरोधी हों। किसानों को 126 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज और 86 लाख निःशुल्क किट प्रदान किए जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दालों के क्षेत्र में प्रसंस्करण होने से उचित मूल्य मिलेगा, इसलिए 1,000 प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित की जाएंगी, जिसमें सरकार 25 लाख रुपए तक की सब्सिडी देगी।
उन्होंने कहा कि नीति आयोग डैशबोर्ड बनाकर इसकी निगरानी करेगा और 11 विभागों की 36 योजनाओं का समन्वय किया जाएगा। मुझे यह बताते हुए खुशी है कि 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री के हाथों पूसा संस्थान में इन योजनाओं का शुभारंभ किया जाएगा। हमारा प्रयास किसानों की आय बढ़ाना है।
हमारा लक्ष्य रासायनिक उर्वरक15 लाख किसानों को नामांकित किया गया है और 6.20 लाख हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती की जाएगी।