क्या कुशीनगर में सरकारी जमीनों पर अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है?

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क्या कुशीनगर में सरकारी जमीनों पर अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है?

सारांश

कुशीनगर में प्रशासन ने सरकारी जमीनों पर अवैध मदरसों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। जांच के दौरान दो मदरसों को चिन्हित किया गया है जो वर्षों से सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा किए हुए थे। क्या यह कार्रवाई और भी व्यापक होगी?

Key Takeaways

  • प्रशासन ने अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की है।
  • सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा एक गंभीर मुद्दा है।
  • जांच में फर्जीवाड़ा सामने आया है।
  • दूसरे मदरसे का मामला भी गंभीर है।
  • सरकारी धन के दुरुपयोग की जांच चल रही है।

कुशीनगर, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से संचालित मदरसों के खिलाफ प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। जिला प्रशासन ने अपनी जांच में दो मदरसों की पहचान की है, जो पूरी तरह से सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर संचालित हो रहे थे।

पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य फूलबदन कुशवाहा ने इन अवैध मदरसों के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शिकायत की थी। सीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया। जांच में यह भी सामने आया कि ये मदरसे दशकों से सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किए हुए हैं। राजस्व अभिलेखों में इनका नाम नहीं है, न ही कोई आवंटन या आदेश दर्ज है। प्रशासन इनके खिलाफ कठोर कदम उठाने के लिए तैयार है।

पहला मदरसा, गौसिया फैजुल उलूम महिरवा, लगभग 50 वर्षों से छात्रों को धार्मिक शिक्षा दे रहा है। यह 1972 में स्थापित हुआ था और 1989 में इसका विस्तार हुआ। मान्यता के लिए आवश्यक दस्तावेज जमा किए गए, लेकिन चकबंदी और कागजी कमी के कारण प्रक्रिया ठप रही। 1994-95 में सियासी दबाव में बिना जमीन के मान्यता प्राप्त कर ली, जो अब विवाद का विषय बन गई है। तमकुहीराज तहसीलदार की जांच में यह पुष्टि हुई कि यह मदरसा सरकारी जमीन पर अवैध है। यहाँ 350 छात्र पढ़ते हैं, लेकिन अब उनका भविष्य संकट में है। तहसीलदार ने इस मामले की रिपोर्ट डीएम को भेज दी है।

दूसरा मदरसा, अंजुमन इस्लामिया फैजुल उलूम, कसया तहसील के फाजिलनगर नगर पंचायत के धनौजी खुर्द गांव में स्थित है। यह भी ग्राम सभा की बंजर भूमि पर अवैध कब्जे से चल रहा है। फूलबदन कुशवाहा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि मदरसे के पास अपनी जमीन नहीं है, फिर भी 1996 में कागजी हेरफेर से मान्यता कैसे मिली। जांच में फर्जीवाड़ा सामने आया है।

20 दिसंबर 2021डीएम के निर्देश पर मदरसा संचालक और तीन अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। फर्जी जमीन रजिस्ट्री रद्द कर दी गई और इसे ग्राम सभा के नाम वापस कर दिया गया है। मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, और साथ ही सरकारी धन के दुरुपयोग की जांच भी चल रही है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करना न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि यह समाज में असमानता को बढ़ावा देता है। प्रशासन की कार्रवाई का समर्थन किया जाना चाहिए, क्योंकि यह न केवल नियमों का पालन सुनिश्चित करती है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में भी एक कदम है।
NationPress
10/09/2025

Frequently Asked Questions

कुशीनगर में किस प्रकार के मदरसे अवैध पाए गए?
कुशीनगर में दो मदरसे अवैध पाए गए, जो सरकारी जमीन पर संचालित हो रहे थे।
क्या प्रशासन ने अवैध मदरसों के खिलाफ कोई कार्रवाई की है?
हाँ, प्रशासन ने अवैध मदरसों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है और जांच रिपोर्ट भी डीएम को भेजी है।
क्या इन मदरसों की मान्यता रद्द की जाएगी?
जी हाँ, इन मदरसों की मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
क्या अवैध मदरसों के खिलाफ और भी कार्रवाई की जाएगी?
हां, प्रशासन ने आगे की कार्रवाई के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।
क्या यह मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा है?
जी हां, इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की गई थी।