क्या आपातकाल हमारे लोकतंत्र का एक काला अध्याय है? राजद सांसद मनोज झा की स्वीकार्यता

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क्या आपातकाल हमारे लोकतंत्र का एक काला अध्याय है? राजद सांसद मनोज झा की स्वीकार्यता

सारांश

क्या आपातकाल हमारे लोकतंत्र का एक काला अध्याय है? राजद सांसद मनोज झा ने इस पर अपने विचार साझा किए हैं। जानें उन्होंने क्या कहा और वर्तमान स्थिति पर उनका दृष्टिकोण क्या है।

Key Takeaways

  • आपातकाल को लोकतंत्र का काला अध्याय माना जाता है।
  • मनोज झा ने वर्तमान स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई।
  • बिहार में विधानसभा चुनाव का समय है।
  • तेजस्वी यादव ने युवाओं के लिए नौकरी की बातें की हैं।
  • राजद ने अपने शासन के दौरान किए गए कार्यों का उल्लेख किया है।

नई दिल्ली, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। आपातकाल के ५० साल पूरे होने पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि २५ जून १९७५ हमारे लोकतंत्र में एक "काला अध्याय" है। फिर भी, जब हम उस दिन को याद करते हैं, तो इसे केवल एक पुरानी घटना के रूप में नहीं, बल्कि इसे एक आईने के रूप में देखना चाहिए।

मनोज झा ने बुधवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से कहा कि जो बीता है उस पर चर्चा करने के बजाय आज की वर्तमान स्थिति पर भी बात होनी चाहिए। जब सरकार की आलोचना होती है, तो इसे देश की आलोचना के रूप में लिया जाता है। जब किसी व्यक्ति विशेष के कार्य की आलोचना होती है, तो इसे भी देश की आलोचना समझा जाता है। आपातकाल के उस समय और आज के समय में लोग कोई खास अंतर नहीं देखते हैं।

बिहार के पूर्णिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को लेकर राजद सांसद ने कहा कि यह अच्छा है कि प्रधानमंत्री फिर से बिहार आ रहे हैं। इस वर्ष बिहार में विधानसभा चुनाव हैं, तो यह स्वाभाविक है कि वह आएंगे।

उन्होंने कहा कि श्रम बिहार का और पूंजी गुजरात की अब नहीं चल सकती है।

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के पत्र पर राजद सांसद ने कहा कि आज बिहार के किसी भी कोने में जाइए, जब नौकरी देने की बात आती है, तो पहले तेजस्वी यादव का नाम आता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिन्हें असंभव बताते थे, तेजस्वी यादव ने नौकरी देकर उसे संभव बनाया है।

मनोज झा ने भाजपा-जदयू द्वारा राजद के १५ साल के शासन पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि वह आंकड़ों के साथ खुले मंच पर बहस के लिए तैयार हैं।

तेजस्वी यादव ने बिहार के लोगों के नाम एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने उपमुख्यमंत्री के रूप में अपने १५ माह के कार्यकाल के दौरान लोगों की भलाई के लिए किए गए कार्यों का उल्लेख किया है। इस पत्र में युवाओं को नौकरी देने का भी जिक्र है। तेजस्वी यादव नीतीश कुमार की सरकार में उपमुख्यमंत्री थे।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम स्वतंत्रता, लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों की रक्षा के प्रति सजग रहें। आपातकाल की यादें हमें यह सिखाती हैं कि हमें अपने समाज में लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करना चाहिए।
NationPress
25/06/2025

Frequently Asked Questions

आपातकाल क्या था?
आपातकाल वह समय था जब भारतीय सरकार ने 1975 से 1977 तक देश में आपातकाल लागू किया था, जिससे नागरिक अधिकारों पर अंकुश लगा था।
मनोज झा का आपातकाल पर क्या कहना है?
मनोज झा का कहना है कि आपातकाल हमारे लोकतंत्र का एक काला अध्याय है, लेकिन हमें इसे एक आईने के रूप में देखना चाहिए।
क्या वर्तमान समय में भी आपातकाल जैसी स्थिति है?
मनोज झा का मानना है कि वर्तमान में कुछ हालात ऐसे हैं जो आपातकाल के समय से मेल खाते हैं।