क्या अराजकता और भ्रष्टाचार का पर्याय है इंडी गठबंधन: गौरव वल्लभ?

सारांश
Key Takeaways
- गौरव वल्लभ ने तेजस्वी यादव की अमर्यादित टिप्पणी की कड़ी निंदा की।
- इंडी गठबंधन को अराजकता और भ्रष्टाचार का प्रतीक बताया गया।
- प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन का देशभर में इंतजार।
- तेजस्वी यादव को अपने परिवार में भी नेता बनने में कठिनाई।
- भगवद्गीता का अध्ययन जीवन के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है।
नई दिल्ली, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के नेता गौरव वल्लभ ने बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई अमर्यादित टिप्पणी की कड़ी निंदा की। उन्होंने राजद और इंडी गठबंधन को अराजकता, भ्रष्टाचार और परिवारवाद का प्रतीक बताया और कहा कि उनका असली एजेंडा रोजगार नहीं, बल्कि गालियां और व्यक्तिगत हमले हैं।
गौरव वल्लभ ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "राजद, इंडी गठबंधन और अन्य पार्टियां सिर्फ अराजकता, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद की पहचान बन गई हैं। उनके पास विकास या रोजगार का कोई एजेंडा नहीं है। उनका एकमात्र लक्ष्य गालियां देना और प्रधानमंत्री और उनके परिवार को अपमानित करना है। जितनी गालियां वे दे रहे हैं, बिहार की जनता यह सब देख रही है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन पर गौरव वल्लभ ने कहा, "जब भी प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं, तो वे उसे नई दिशा देते हैं। कल से नई जीएसटी दरें लागू हो रही हैं। सिगरेट, गुटखा और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स के अलावा अधिकांश वस्तुओं के दाम इन नई दरों से कम होंगे। मुझे नहीं पता कि पीएम मोदी किस मुद्दे पर बात करेंगे, लेकिन पूरे देश को उनके संबोधन का इंतजार है।"
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी यादव को विपक्ष का चेहरा बनाने के प्रयासों पर गौरव वल्लभ ने कटाक्ष करते हुए कहा, "तेजस्वी अभी तक अपने परिवार में भी नेता नहीं बन पाए हैं। उनके भाई-बहन उन्हें अपना नेता नहीं मानते। मुझे लगता है कि लालू यादव भी आने वाले दिनों में उन्हें नेता नहीं मानेंगे। मेरा यही आग्रह है कि पहले अपने परिवार को नेता मानने के लिए मनाएं।"
भाजपा विधायक द्वारा ओडिशा के स्कूलों में भगवद्गीता के पाठ को पाठ्यक्रम में शामिल करने के प्रस्ताव पर गौरव वल्लभ ने कहा, "भगवद्गीता पढ़ना और आत्मसात करना गलत नहीं है, क्योंकि इसमें जीवन की हर समस्या का समाधान है। जो लोग इसे पढ़ना और समझना चाहते हैं, उन्हें जीवन जीने की कला सीखने को मिलती है।"