क्या भगोड़ों को भारत लाने की कवायद तेज हो गई है? ब्रिटेन की टीम ने तिहाड़ जेल का निरीक्षण किया

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क्या भगोड़ों को भारत लाने की कवायद तेज हो गई है? ब्रिटेन की टीम ने तिहाड़ जेल का निरीक्षण किया

सारांश

क्या भारत सरकार ने भगोड़ों को वापस लाने की दिशा में ठोस कदम उठाना शुरू कर दिया है? हाल ही में ब्रिटेन की एक टीम ने तिहाड़ जेल का निरीक्षण किया है, जिससे प्रत्यर्पण के मामलों में नई उम्मीद जगी है। जानिए इस दौरे का महत्व और तिहाड़ की स्थिति के बारे में अधिक जानकारी।

Key Takeaways

  • ब्रिटेन की टीम ने तिहाड़ जेल का निरीक्षण किया।
  • उद्देश्य: भगोड़ों को भारत लाना
  • सुरक्षा की व्यवस्था पर चर्चा हुई।
  • तिहाड़ जेल में विशेष एन्क्लेव तैयार किया जाएगा।
  • 178 प्रत्यर्पण अनुरोध भारत में लंबित हैं।

नई दिल्ली, ६ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत सरकार ने आर्थिक अपराधियों और फरारों को वापस लाने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसी क्रम में, हाल ही में ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) की एक टीम ने दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल का निरीक्षण किया।

तिहाड़ जेल के सूत्रों के अनुसार, यह निरीक्षण खासकर विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़ों को भारत लाने की कोशिशों को साकार करने के लिए किया गया। इस दौरे का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि ब्रिटेन की अदालतों में साबित किया जा सके कि भारत में प्रत्यर्पित किए जाने वाले आरोपियों के लिए तिहाड़ जेल में सुरक्षित और बेहतर माहौल उपलब्ध है।

जानकारी के अनुसार, ब्रिटिश टीम ने तिहाड़ की हाई-सिक्योरिटी वार्ड का दौरा किया और वहां मौजूद कैदियों से बातचीत की। इस दौरान जेल अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि यदि किसी हाई-प्रोफाइल आरोपी को यहां रखा जाता है, तो उनके लिए जेल परिसर में एक विशेष एन्क्लेव भी तैयार किया जा सकता है, जहां उनकी सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा।

गौरतलब है कि हाल ही में ब्रिटेन की अदालतों ने तिहाड़ जेल की स्थिति को लेकर भारत की कई प्रत्यर्पण याचिकाएं खारिज कर दी थीं। अदालतों में यह तर्क दिया गया था कि भारत में प्रत्यर्पित किए जाने वाले आरोपियों के साथ जेल में दुर्व्यवहार या गैरकानूनी पूछताछ हो सकती है। इसी संदर्भ में यह दौरा आयोजित किया गया ताकि ब्रिटेन को विश्वास दिलाया जा सके कि तिहाड़ जेल में न तो किसी आरोपी के साथ मारपीट होगी और न ही गैरकानूनी पूछताछ की जाएगी।

बता दें कि इस समय भारत के कुल 178 प्रत्यर्पण अनुरोध विभिन्न देशों में लंबित हैं, जिनमें से करीब 20 मामले केवल ब्रिटेन में अटके हुए हैं। इन मामलों में विजय माल्या, नीरव मोदी के अलावा हथियार कारोबारी संजय भंडारी और कई खालिस्तानी नेताओं के नाम भी शामिल हैं।

Point of View

हमें यह समझना होगा कि भारत सरकार की यह पहल न केवल कानून के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि को भी मजबूत बनाती है। यह कदम भारतीय न्याय प्रणाली की विश्वसनीयता को साबित करने का अवसर है।
NationPress
06/09/2025

Frequently Asked Questions

ब्रिटेन की टीम तिहाड़ जेल का निरीक्षण क्यों कर रही है?
ब्रिटेन की टीम तिहाड़ जेल का निरीक्षण विशेष रूप से विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़ों को भारत लाने की कोशिशों के लिए कर रही है।
क्या तिहाड़ जेल में सुरक्षा की व्यवस्था है?
जेल अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि हाई-प्रोफाइल आरोपियों के लिए एक विशेष एन्क्लेव तैयार किया जा सकता है।
कितने प्रत्यर्पण अनुरोध भारत में लंबित हैं?
इस समय भारत के कुल 178 प्रत्यर्पण अनुरोध विभिन्न देशों में लंबित हैं।