क्या भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा लोकतंत्र पर हमला है? राहुल गांधी ने कोलंबिया में कहा

सारांश
Key Takeaways
- भारत की विविधता में लोकतंत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है।
- लोकतंत्र पर हमले का खतरा बढ़ रहा है।
- भारत का ढांचा चीन से भिन्न है, जो इसे अधिक जटिल बनाता है।
- आर्थिक विकास के बावजूद रोजगार की समस्या बनी हुई है।
- लोकतांत्रिक व्यवस्था का संरक्षण आवश्यक है।
नई दिल्ली, २ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर विदेश में जाकर भारत के लोकतंत्र पर टिप्पणी की है। उन्होंने कोलंबिया के ईआईए विश्वविद्यालय में एक संवाद कार्यक्रम में कहा कि भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा 'लोकतंत्र पर हमला' है।
राहुल गांधी ने कहा कि भारत में अनेक धर्म, परंपराएं और भाषाएं हैं। लोकतांत्रिक प्रणाली इन सभी को स्थान देती है, लेकिन वर्तमान में भारत में लोकतंत्र पर हर दिशा से हमला हो रहा है।
भारत की वैश्विक भूमिका पर पूछे गए सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा, "भारत की १.४ अरब की जनसंख्या में अपार संभावनाएं हैं, लेकिन भारत का ढांचा चीन से बिल्कुल अलग है। चीन एक केंद्रीकृत और एकरूप प्रणाली वाला देश है, जबकि भारत में अनेक भाषाएं, संस्कृतियां, परंपराएं और धर्म हैं। भारत की व्यवस्था कहीं अधिक जटिल है।"
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया को बहुत कुछ दे सकता है और वे बहुत आशावादी हैं। इसके साथ ही, राहुल गांधी ने कहा, "भारतीय संरचना में कुछ कमियां हैं, कुछ जोखिम हैं, जिनसे भारत को पार पाना होगा। सबसे बड़ा जोखिम लोकतंत्र पर हो रहा हमला है।"
कांग्रेस सांसद ने कहा कि भारत अपने सभी लोगों के बीच संवाद का केंद्र है। विभिन्न परंपराओं, धर्मों और विचारों को जगह की आवश्यकता होती है। उस स्थान को बनाने का सबसे अच्छा तरीका लोकतांत्रिक व्यवस्था है। वर्तमान में भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था पर व्यापक हमला हो रहा है।
इंजीनियरिंग के छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत, चीन का पड़ोसी और अमेरिका का घनिष्ठ साझेदार है। हम बिल्कुल उस जगह पर बैठे हैं, जहां ताकतें आपस में टकरा रही हैं।
अमेरिका के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ध्रुवीकरण अभियान ज्यादातर बेरोजगारों पर केंद्रित है।
उन्होंने कहा, "भारत में आर्थिक विकास के बावजूद, हम रोजगार देने में असमर्थ हैं, क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था सेवा-आधारित है और हम उत्पादन करने में असमर्थ हैं।"