क्या भारत को पाकिस्तान के खिलाफ मैच नहीं खेलना चाहिए था: प्रियंका कक्कड़?

सारांश
Key Takeaways
- प्रियंका कक्कड़ का बयान हमें गंभीर सवालों पर विचार करने के लिए प्रेरित करता है।
- बॉर्डर सुरक्षा और इंटरनेशनल डिप्लोमेसी के मुद्दे महत्वपूर्ण हैं।
- खेल और राजनीति को मिलाना उचित है या नहीं, यह एक बड़ा सवाल है।
नई दिल्ली, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। एशिया कप के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ टीम इंडिया की जीत को पीएम मोदी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' से जोड़ा। इस पर आम आदमी पार्टी (आप) की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हमें पाकिस्तान के साथ मैच नहीं खेलना चाहिए था।
प्रियंका कक्कड़ ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "मेरा मानना है कि पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेलना नहीं चाहिए था, बल्कि हमें उन 26 पीड़ित परिवारों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए था। क्या इस मैच से हमें यह जवाब मिला कि कैसे चार आतंकवादी देश की सीमाएं पार करके, अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर 50 किलोमीटर भीतर घुस आए और डेढ़-दो घंटे तक फायरिंग करते रहे? क्या हमें इस बात का जवाब मिला कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान आईएमएफ ने पाकिस्तान को 2.4 बिलियन डॉलर का कर्ज क्यों दिया, जो निश्चित रूप से भारत के खिलाफ ही टेरर फंडिंग में इस्तेमाल होगा?"
कक्कड़ ने आगे कहा, "क्या हमें इस बात का जवाब मिला कि यूएन की टेररिस्ट पर आधारित कमेटी में उपाध्यक्ष बना दिया गया? मुझे लगता है कि इंटरनेशनल डिप्लोमेसी और बॉर्डर सुरक्षा बहुत ही गंभीर मामले हैं।"
राहुल गांधी द्वारा सोनम वांगचुक का समर्थन किए जाने पर प्रियंका कक्कड़ ने कहा, "नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी की जिम्मेदारी यह है कि अगर कहीं भी अन्याय हो रहा है, तो उन्हें सबसे पहले उस पर बात करनी चाहिए। राहुल गांधी को सेलेक्टिव आउटरेज छोड़ना चाहिए। वह दिल्ली की 'वोट चोरी' पर बात नहीं करते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "सोनम वांगचुक पूर्ण राज्य की मांग कर रहे हैं, जिसे लेकर भाजपा ने आश्वासन दिया था कि इन मांगों को पूरा करेंगे। उसके बाद उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार कर लिया जाता है। नेता प्रतिपक्ष को ऐसे मामलों पर पार्टी लाइन से हटकर अपनी आवाज उठानी चाहिए।"