क्या बिहार में एनडीए की होगी शानदार जीत? : कृष्णा हेगड़े

सारांश
Key Takeaways
- एनडीए की सरकार बिहार में है।
- सीट बंटवारे की चर्चा जारी है।
- मतदाता सूची में अनियमितताएँ पाई गई हैं।
- चुनाव आयोग पश्चिम बंगाल में भी सुधारात्मक उपाय कर रहा है।
- आरएसएस के प्रति ओवैसी के आरोप निराधार हैं।
मुंबई, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की रणनीति पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है।
उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए की सरकार है। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं और चिराग पासवान केंद्रीय मंत्री हैं। सीट बंटवारे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता आपस में बातचीत कर रहे हैं। जहां जीत की संभावना ज्यादा होगी, वहां सीट बंटवारा उसी आधार पर होगा। भाजपा नेता और बिहार प्रभारी विनोद तावडे़ एवं चिराग पासवान लगातार बैठकों में जुटे हैं ताकि जल्दी समाधान निकाला जा सके। शिवसेना एनडीए का घटक दल है और बिहार में इसका समर्थन करती है, लेकिन सीट बंटवारे में इसकी कोई भूमिका नहीं है।
कृष्णा हेगड़े ने बिहार के मतदाता सूची में अनियमितताओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि एसआईआर की जांच में कई वोटरों के नाम दो-तीन स्थानों पर दर्ज पाए गए हैं, मृत व्यक्तियों के नाम भी सूची में शामिल हैं, और नए वोटरों के नाम जोड़ने में भी गड़बड़ियां सामने आई हैं। लाखों वोटरों का अदला-बदली का काम वर्षों से लंबित था, जिसे अब पारदर्शिता के लिए लागू किया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि चुनाव आयोग पश्चिम बंगाल में भी इसी प्रकार की प्रक्रिया लागू करने की योजना बना रहा है ताकि बूथों पर निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके। इसका मुख्य उद्देश्य स्वच्छ और ईमानदार चुनाव प्रक्रिया को बढ़ावा देना है।
इसके अलावा, कृष्णा हेगड़े ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बीआर गवई के साथ हुई दुर्व्यवहार की घटना की कड़ी निंदा की और इसे अस्वीकार्य बताया।
उन्होंने कहा कि ऐसी घटना निंदनीय है और ऐसे कृत्य का कोई समर्थन नहीं किया जा सकता। संबंधित व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर लगाए गए आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि ओवैसी हमेशा आरएसएस की आलोचना करते हैं, लेकिन इसके जनसेवा और देशहित के कार्यों की सराहना नहीं करते। आरएसएस ने मोहन भागवत के नेतृत्व में सौ वर्ष पूरे किए हैं और यह संगठन हमेशा देशभक्ति और सेवा भाव से कार्य करता है। ओवैसी के आरोप निराधार हैं।