क्या केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का दावा सच है, बिहार में क्या फिर बनेगी एनडीए की सरकार?

सारांश
Key Takeaways
- एनडीए का पुनर्निर्माण बिहार में एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
- प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में डिजिटल क्रांति ने भारत को एक लीडर बना दिया है।
- बिहार में भाजपा के सहयोगी दल एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे।
- डिजिटल लेनदेन की संख्या में वृद्धि देश की प्रगति को दर्शाती है।
- डेटा की लागत में कमी ने डिजिटल उपयोग को बढ़ावा दिया है।
नई दिल्ली, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को बिहार चुनाव के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण दावा किया। उन्होंने कहा कि एक बार फिर बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले एनडीए का शासन स्थापित होगा। सिंधिया ने जानकारी दी कि भाजपा के सभी सहयोगी दल राज्य में मिलकर चुनावी मैदान में उतरेंगे।
उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने बिहार के विकास और प्रगति को प्राथमिकता दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने आर्थिक, सामाजिक और हर क्षेत्र में परिवर्तन कर भारत का नाम विश्व स्तर पर ऊंचा किया है।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने न्यूज एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि बिहार में एक बार फिर भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन की सरकार बनेगी। राज्य में भाजपा के सभी सहयोगी दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे। बिहार का विकास और प्रगति हमारी प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 11 साल के कार्यकाल में यह साबित किया है कि विकास ही हमारी प्राथमिकता है, और यही बदलाव भारत की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि आज विश्व में 46 प्रतिशत से ज्यादा डिजिटल लेनदेन भारत में होते हैं, और इन लेनदेन की संख्या सालाना 1.7 बिलियन है। इन लेनदेन का मूल्य 3 ट्रिलियन डॉलर प्रतिवर्ष है। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत अब फॉलोवर नहीं, बल्कि डिजिटल लेनदेन में एक लीडर बन चुका है। पिछले 10 वर्षों में देश में डिजिटल क्रांति आई है।
उन्होंने बताया कि डिजिटल क्रांति के फलस्वरूप आज देश में मोबाइल यूजर्स की संख्या 120 करोड़ हो गई है, जो कि 10 साल पहले केवल 90 करोड़ थी। इंटरनेट कनेक्शन्स की संख्या 100 करोड़ हो चुकी है, जबकि एक दशक पहले यह केवल 25 करोड़ थी।
देश में 94 करोड़ ब्रॉडबैंड कनेक्शन्स हो चुके हैं, जिनकी संख्या पहले केवल 6 करोड़ थी। डेटा की लागत 10 साल पहले 290 रुपए प्रति जीबी थी, जो अब 95 प्रतिशत तक घटकर 9 रुपए प्रति जीबी हो गई है। इन सभी परिवर्तनों का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को जाता है।