क्या भाजपा वीआईपी की नाव पर सवार होकर मझधार से निकलना चाहती है?: मुकेश सहनी

सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन का महत्व बिहार की राजनीति में बढ़ रहा है।
- भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए, मुकेश सहनी ने उन्हें चुनौती दी है।
- केसरिया सीट पर वीआईपी का प्रत्याशी उतारने की योजना है।
- बिहार में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए गए हैं।
- युवाओं के नेतृत्व में बिहार का भविष्य जुड़ा हुआ है।
मोतिहारी, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने रविवार को मोतिहारी के केसरिया में आयोजित निःशुल्क चिकित्सा शिविर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर, उन्होंने वीआईपी समर्थित विधान पार्षद महेश्वर सिंह की सराहना की और कहा कि केसरिया सीट पर वीआईपी अपना प्रत्याशी उतारेगी।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए, सहनी ने कहा कि महागठबंधन के प्लेटफॉर्म पर ही सीट और प्रत्याशी का चुनाव किया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि इस बार महागठबंधन की सरकार बनाएं, क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब अस्वस्थ हैं और बिहार का नेतृत्व संभाल नहीं पा रहे हैं। हमारी प्रतिबद्धता सभी धर्म और वर्ग के लोगों के कल्याण की है।
बिहार की कानून व्यवस्था को लेकर सहनी ने कहा कि यदि युवा नेतृत्व में आएगा तो बिहार का विकास निश्चित है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा अभी हमारे नाव पर सवार होकर मझधार से निकलना चाहती है, लेकिन यह संभव नहीं है। भाजपा ने हमें धोखा दिया है और अब उनका कोई आवेदन स्वीकार नहीं होगा।
उन्होंने तेजस्वी यादव को छोटा भाई बताते हुए कहा कि महागठबंधन के सभी घटक दल मिलकर नया बिहार बनाएंगे। भाजपा को चुनौती देते हुए सहनी ने कहा कि यदि भाजपा में हिम्मत है, तो अकेले चुनाव लड़कर दिखाए। वीआईपी प्रमुख ने साफ कहा कि जो भी निर्णय होगा वह महागठबंधन की बैठक में लिया जाएगा। यह सुखद है कि यहां कई लोगों की टिकट के लिए दावेदारी है, लेकिन किसी एक को ही टिकट मिलना है। उन्होंने दावा किया कि केसरिया सीट से हमारी दावेदारी है।