क्या कांग्रेस बाबा साहेब का सम्मान नहीं करती? अनिल विज ने प्रियांक खड़गे पर हमला किया

सारांश
Key Takeaways
- अनिल विज ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया है।
- बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान में महत्वपूर्ण योगदान है।
- आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ।
- आरएसएस का काम चरित्र निर्माण और राष्ट्रीयता का संवर्धन है।
- कांग्रेस की इमरजेंसी पर निंदा न करने का सवाल उठाया गया।
चंडीगढ़, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। संविधान की प्रस्तावना में आपातकाल के दौरान जोड़े गए शब्द "धर्मनिरपेक्ष" और "समाजवादी" को लेकर बहस एक बार फिर से गरमाई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संविधान में इन दो शब्दों को बदलने की बात करते हुए कहा कि कांग्रेस इसके खिलाफ पूरी ताकत से लड़ेगी। उनके बयान पर हरियाणा के बिजली, परिवहन और श्रम मंत्री अनिल विज ने मुख्य विपक्षी दल पर तीखा हमला किया।
अनिल विज ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे और उनकी पार्टी कांग्रेस बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का सम्मान नहीं करती हैं। बाबा साहेब ने संविधान का निर्माण किया, कानून बनाए और हर वर्ग का ध्यान रखा, लेकिन उन्होंने "धर्मनिरपेक्ष" और "समाजवादी" शब्द संविधान में नहीं डाले।
उन्होंने आगे कहा कि बाबा साहेब की इच्छा के खिलाफ, इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान देश के सभी मौलिक अधिकारों को कुचल दिया और नेताओं को जेल भेज दिया। आज तक एक भी कांग्रेसी नेता ने इमरजेंसी की निंदा नहीं की है। इसका अर्थ है कि ये लोग मौलिक अधिकारों और सामाजिक संस्थाओं का आदर नहीं करते हैं।
अनिल विज ने प्रियांक खड़गे के आरएसएस को बैन करने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) दुनिया का सबसे बड़ा संगठन है, जो पिछले 100 वर्षों से देश में चरित्र निर्माण का कार्य कर रहा है और लोगों में राष्ट्रीयता की भावना भर रहा है। मुझे नहीं लगता कि जो काम हम कर रहे हैं, वह कोई और पार्टी कर रही है। आरएसएस के खिलाफ बोलना, वास्तव में देश और राष्ट्रीयता के खिलाफ बोलना है।