क्या सौरभ भारद्वाज का आरोप सही है कि कांग्रेस ने भाजपा को जिताने के लिए दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
- सौरभ भारद्वाज के आरोपों के अनुसार, कांग्रेस ने भाजपा को लाभ पहुँचाया।
- चुनाव में 44 करोड़ रुपए से अधिक का चंदा जुटाना एक बड़ा मुद्दा है।
- वोटरों की हेराफेरी का आरोप भी गंभीरता से लिया जा रहा है।
- राजनीतिक रणनीतियों की जटिलता को समझना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सौरभ भारद्वाज ने एक गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अपनी जीत के लिए नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मदद पहुंचाने के लिए चुनाव लड़ा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पूरी रणनीति आम आदमी पार्टी को रोकने पर केंद्रित थी, जिसके परिणामस्वरूप भाजपा को अप्रत्यक्ष रूप से सशक्त किया गया। सौरभ ने बताया कि कांग्रेस की चुनावी गतिविधियों से स्पष्ट है कि उनका असली मकसद जीत हासिल करना नहीं था।
सौरभ ने आरोप लगाया कि दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने एक इंटरव्यू में खुद स्वीकार किया कि कांग्रेस ने भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए चुनावी रणनीति बनाई थी। शीर्ष नेतृत्व ने अपने प्रदेश नेताओं को निर्देश दिए थे कि 'आप' को हराने के लिए जो भी करना पड़े, करो। यदि इसके लिए भाजपा को जिताना पड़े तो भी पीछे मत हटो।
आप नेता ने आगे कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने करोड़ों रुपए खर्च किए, लेकिन नतीजा शून्य सीटों पर सिमट गया। उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस ने चुनावी चंदे में 44 करोड़ से अधिक जुटाए, जबकि आम आदमी पार्टी को मात्र 2000 रुपए नकद मिले।
उन्होंने सवाल उठाया कि चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार एक व्यक्ति से अधिकतम 2000 रुपए नकद दान लिया जा सकता है, फिर कांग्रेस को इतनी बड़ी रकम कैसे मिली और इस पर जांच क्यों नहीं हुई?
सौरभ भारद्वाज ने यह भी आरोप लगाया कि नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वोटरों की हेराफेरी हुई। हजारों वोट काटे गए और फर्जी वोट जोड़े गए। इस मामले में आम आदमी पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके शिकायत भी दर्ज कराई थी, लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
उन्होंने कहा कि यही वोट चोरी का मामला राहुल गांधी ने हाल ही में उठाया, लेकिन जब 'आप' महीनों पहले इस मुद्दे को उठा रही थी तब राहुल गांधी ने दिल्ली की स्थिति पर चुप्पी साधे रखी।