क्या देवी को चने, हलवे और पूरी का भोग अर्पित करने का कोई खास कारण है?

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क्या देवी को चने, हलवे और पूरी का भोग अर्पित करने का कोई खास कारण है?

Key Takeaways

  • चना शक्ति, ऊर्जा और स्वास्थ्य का प्रतीक है।
  • हलवा सुख और समृद्धि का प्रतीक है।
  • पूरी भक्ति और सेवा भाव का प्रतीक है।
  • भोग अर्पित करना श्रद्धा का प्रतीक है।
  • यह परंपरा घर में सकारात्मक ऊर्जा लाती है।

नई दिल्ली, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। नवरात्र की महाष्टमी या नवमी को कन्या पूजन का विधान है। इस दिन माँ को भोग के रूप में विशेष पदार्थ अर्पित किए जाते हैं। पूजा के दौरान जब देवी के सामने चना, हलवा और पूरी रखी जाती हैं, तो कई लोग सोचते हैं – आखिर क्यों इन्हें ही भोग स्वरूप अर्पित किया जाता है? इसका उत्तर है कि यह केवल स्वाद या परंपरा नहीं है, बल्कि इसके पीछे धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व छिपा हुआ है।

स्कंद पुराण और देवी भागवतम् में कहा गया है कि देवी को चना प्रिय है। यह न केवल शुद्ध और पौष्टिक अनाज है, बल्कि इसे अर्पित करने से भक्त को शक्ति और ऊर्जा की प्राप्ति होती है। देवी को अन्न का भोग अर्पित करना इसलिये भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वे स्वयं सृष्टि की शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक हैं।

देवी भागवतम् में लिखा है: “शुद्ध अन्न से युक्त भोग मेरी ओर अर्पित किया जाए, जिससे भक्त को सुख-समृद्धि प्राप्त हो।”

हलवा देवी का प्रिय मीठा भोग माना जाता है। भविष्य पुराण और मार्कण्डेय पुराण में इस भोग का उल्लेख है। हलवे का स्वाद सुख, समृद्धि और संतोष का प्रतीक है। नवरात्रि या किसी विशेष पूजा में हलवा अर्पित करना घर में शांति और आनंद लाने वाला माना जाता है।

पद्म पुराण और ब्रह्म वैवर्त पुराण में पूरी और अन्य तली हुई वस्तुओं का भोग देवी को अर्पित करने का महत्व बताया गया है। पूरी का अर्पण भक्ति की पूर्ण स्वीकृति, भक्त का उत्साह और सेवा भाव का प्रतीक है। हलवे के साथ पूरी देना यह भी दर्शाता है कि भोग स्वादिष्ट, संतुलित और पोषणयुक्त हो।

कुल मिलाकर भोग का खास संदेश है। चना शक्ति, ऊर्जा और स्वास्थ्य का, हलवा सुख, समृद्धि और मीठे फल का, तो पूरी भक्ति, उत्साह और सेवा भाव का प्रतीक है।

देवी को यह भोग अर्पित करना केवल भोजन अर्पित करना नहीं है, बल्कि यह भक्ति, श्रद्धा और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक भी है। इस परंपरा को अपनाने से घर और मन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का संचार होता है।

Point of View

यह कहना सही है कि देवी को चने, हलवे और पूरी का भोग अर्पित करना केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर और आध्यात्मिकता का भी प्रतीक है। यह परंपरा हमारे समाज में सकारात्मकता और एकता का संदेश देती है।
NationPress
30/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या चना देवी को प्रिय है?
हां, स्कंद पुराण और देवी भागवतम् में कहा गया है कि देवी को चना प्रिय है।
हलवा का भोग क्यों अर्पित किया जाता है?
हलवा देवी का प्रिय मीठा भोग है, जो सुख और समृद्धि का प्रतीक है।
पूरी का भोग अर्पित करने का महत्व क्या है?
पूरी का भोग भक्त की भक्ति और सेवा भाव का प्रतीक है।
क्या देवी को भोग अर्पित करना जरूरी है?
भोग अर्पित करना भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है, और यह सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
क्या यह भोग केवल नवरात्रि में अर्पित किया जाता है?
यह भोग नवरात्रि के साथ-साथ अन्य विशेष पूजा में भी अर्पित किया जा सकता है।