क्या डोनाल्ड ट्रंप केवल पैसे को महत्त्व देते हैं? पूर्व राजदूत दीपक वोहरा का बयान

सारांश
Key Takeaways
- डोनाल्ड ट्रंप का ध्यान केवल पैसे पर है।
- भारत पर टैरिफ का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा।
- भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त है।
- भारत को अपने बाजार की ताकत को पहचानना होगा।
- भारत एक सुपरपावर बन चुका है।
इंदौर, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के फैसले पर पूर्व राजदूत दीपक वोहरा ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप केवल पैसों को प्राथमिकता देते हैं। अमेरिका का टैरिफ भारत पर कोई विशेष प्रभाव डालने वाला नहीं है।
वोहरा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि वर्तमान में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप... मैं जानबूझकर उन्हें 'डॉलर ट्रंप' कह रहा हूं, क्योंकि वो केवल एक चीज़ पर ध्यान केंद्रित करते हैं, और वह है पैसा। यह एक टैरिफ का आतंक है, जैसे कि उनका पसंदीदा पाकिस्तान एक सैन्य आतंकवादी है, और उनका विरोधी चीन एक आर्थिक आतंकवादी है।
उन्होंने कहा कि मैं तीन अफ्रीकी देशों में विशेष सलाहकार हूं, जो ट्रंप द्वारा पीड़ित अंतरराष्ट्रीय संगठनों के सदस्य हैं। ये तीनों देश ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ के तहत हैं।
उदाहरण के लिए, भारत से फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल और रिफाइंड ऑयल अमेरिका भेजे जाते हैं। यदि अमेरिका 25 प्रतिशत टैरिफ लगाता है, तो मेरा मानना है कि इसका कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा। कुछ चीजें अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए महंगी हो जाएंगी, लेकिन भारतीय निर्यातक दूसरे बाजार की तलाश करेंगे। भारतीय सामान की गुणवत्ता इतनी अच्छी है कि उसकी मांग पूरी दुनिया में है। यदि भारत भी 25 प्रतिशत टैरिफ लगाता है, तो भारतीय उपभोक्ताओं को बढ़ी हुई कीमतें चुकानी पड़ेंगी। अमेरिका में उत्पाद सस्ते नहीं होते, इसलिए केवल मध्यम और उच्च आय वर्ग के लोग ही उन्हें खरीदते हैं। यदि भारत ने अपना बाजार बंद कर दिया तो अमेरिका अपने उत्पादों को कहां बेचेगा? यूरोप में आप नहीं बेच सकते, चीन नहीं खरीदेगा, और रूस को नाराज कर दिया है।
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यदि अमेरिका को दवाइयाँ नहीं बेची जा रही हैं, तो भारत का आंतरिक बाजार इतना बड़ा है कि उस उत्पाद की खपत यहीं हो जाएगी। अगले दो से तीन दिनों में शेयर बाजार में स्थिरता आ सकती है। ट्रंप को यह समझना चाहिए कि भारत बहादुर है और यह अमेरिका के दबाव में नहीं आएगा। आज भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और एक सुपरपावर बन चुका है।