क्या 'एक देश, एक चुनाव' जरूरी है, स्वदेशी को मिले प्राथमिकता : शिवराज सिंह चौहान

सारांश
Key Takeaways
- 'एक देश, एक चुनाव' का विचार संसाधनों की बर्बादी को कम कर सकता है।
- स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देने से गुणवत्ता में सुधार होगा।
- कृषि क्षेत्र में हाइब्रिड बीजों का विकास आवश्यक है।
- फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देना भी आवश्यक है।
- भारत को विश्वगुरु बनाने की दिशा में आगे बढ़ना होगा।
नई दिल्ली, 9 अक्तूबर (राष्ट्र प्रेस)। पीएचडीसीसीआई (फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) के 120वें वार्षिक सत्र में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारत की वैश्विक भूमिका, कृषि क्षेत्र की मजबूती और चुनावी प्रणाली में बदलाव पर कई महत्वपूर्ण विचार साझा किए। उन्होंने भारत के 'विश्वसनीय वैश्विक भागीदार' के रूप में उभरने की चर्चा करते हुए 'एक देश, एक चुनाव' की आवश्यकता को रेखांकित किया।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत को एक बार फिर से विश्वगुरु बनने के लिए आगे बढ़ना होगा, और इसके लिए संसाधनों का बेहतर प्रबंधन आवश्यक है। उन्होंने चुनाव सुधारों पर जोर देते हुए कहा, 'एक देश, एक चुनाव' होना चाहिए। पूरे देश में हर पाँच साल में केवल एक बार चुनाव हो। सांसद और विधायक दोनों के चुनाव एक साथ हों, और मतदाता एक ही वोटिंग मशीन पर दोनों को वोट दे सकें।
उन्होंने कहा कि बार-बार होने वाले चुनावों से समय और संसाधनों की बर्बादी होती है। शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा, "जनता का पैसा और समय दोनों बर्बाद होते हैं। अगर एक बार में चुनाव होंगे तो देश को फायदा होगा।"
उन्होंने स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा, "जो भारत में बना है, उसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए। स्वदेशी को सभी को अपनाना चाहिए। जब हम स्वदेशी की बात करते हैं, तो गुणवत्ता की बात आती है। हम चाहते हैं कि गुणवत्ता से कोई समझौता न हो।"
अपने संबोधन में उन्होंने कृषि उत्पादन और खाद्य प्रसंस्करण पर भी ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि भारत गेहूं और चावल के उत्पादन में अग्रणी है, लेकिन दालों के उत्पादन में अभी भी पीछे है। हमें दाल और ऑयल सीड्स के उत्पादन को बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके लिए हाइब्रिड बीजों पर काम हो रहा है और इसमें सफलता भी मिल रही है।
उन्होंने बताया कि उत्पादन को बढ़ाना है, लेकिन लागत को घटाना है। साथ ही, फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने विशेष रूप से सोयाबीन और दलहन मिशन पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई।
अंत में, शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज का भारत वह नहीं है, जहां एक समय पर प्रधानमंत्री लोगों से व्रत रखने की अपील करते थे, बल्कि आज करोड़ों लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। यह भारत की बदली हुई तस्वीर है।
कार्यक्रम में उद्योग जगत से जुड़े कई प्रमुख लोग मौजूद रहे।