क्या फ्री ट्रेड एग्रीमेंट कभी भी राष्ट्रीय हितों की कीमत पर नहीं होंगे: पीयूष गोयल?

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क्या फ्री ट्रेड एग्रीमेंट कभी भी राष्ट्रीय हितों की कीमत पर नहीं होंगे: पीयूष गोयल?

सारांश

क्या भारत के फ्री ट्रेड एग्रीमेंट राष्ट्रीय हितों को प्रभावित करेंगे? केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस विषय पर अपनी बात रखी है। उनके अनुसार, सभी व्यापार सौदे हमेशा पारस्परिक और भारतीय व्यापारियों के हितों की रक्षा के लिए होंगे। जानिए इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर उन्होंने क्या कहा।

Key Takeaways

  • भारत के फ्री ट्रेड एग्रीमेंट राष्ट्रीय हितों की रक्षा करेंगे।
  • सरकार पारस्परिक व्यापार सौदों को प्राथमिकता देगी।
  • जम्मू-कश्मीर के हितों को भी ध्यान में रखा जाएगा।
  • सरकार 'वोकल फॉर लोकल' को बढ़ावा दे रही है।
  • भारतीय व्यापारियों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

श्रीनगर, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को स्पष्ट किया कि भारत के फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) कभी भी राष्ट्रीय हितों की कीमत पर नहीं होंगे।

श्रीनगर में आयोजित एफटीआईआई ट्रेडर्स कॉन्क्लेव में बोलते हुए गोयल ने कहा, सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि सभी व्यापार सौदे पारस्परिक हों और भारतीय व्यापारियों तथा निर्माताओं के हितों की रक्षा करें।

उन्होंने कहा, "एफटीए पर हस्ताक्षर इस लिए किए जाते हैं ताकि हमारे स्थानीय सामानों को अन्य देशों में शुल्क मुक्त पहुंच मिल सके और अन्य बाजारों तक पहुंचने में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सके। यह स्वाभाविक है कि एफटीए में दोतरफा व्यापार होगा। ऐसा नहीं हो सकता कि वे हमारे सामानों के लिए अपने बाजार खोलें जबकि हम नहीं।"

क्षेत्र के व्यापारियों को स्पष्ट संदेश देते हुए मंत्री ने कहा कि केंद्र विदेशी भागीदारों के साथ बाजार पहुंच पर बातचीत करते समय संवेदनशील क्षेत्रों या क्षेत्रीय चिंताओं से समझौता नहीं करेगा।

उन्होंने कहा, "व्यापारियों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। हम जो भी एफटीए करेंगे, उसमें जम्मू-कश्मीर और पूरे देश के हितों को ध्यान में रखा जाएगा।"

गोयल की यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है जब भारत-अमेरिका के बीच एफटीए को लेकर बातचीत चल रही है। यह व्यापार समझौता भारतीय निर्यात को अमेरिकी टैरिफ वृद्धि से छूट देगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत व्यापार का विस्तार करने के लिए तैयार है, लेकिन सभी समझौते निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा, घरेलू क्षमता निर्माण और दीर्घकालिक आर्थिक मजबूती सुनिश्चित करने के लिए बनाए जाएंगे।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार 'वोकल फॉर लोकल' को बढ़ावा दे रही है और यह सुनिश्चित कर रही है कि स्थानीय उत्पाद वैश्विक स्तर पर जाएं।

गोयल ने कहा, "हमारा दृष्टिकोण 'मेक इन इंडिया' और 'मेक फॉर द वर्ल्ड' दोनों का समर्थन करता है।"

मंत्री ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि भारत समयसीमा के आधार पर व्यापार समझौते नहीं करता है, बल्कि आपसी लाभ और राष्ट्रीय हित के आधार पर करता है।

भारत ने शुक्रवार को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को यह भी बताया कि वह ऑटोमोबाइल और कुछ ऑटो पार्ट्स पर अमेरिका द्वारा हाल ही में शुल्क वृद्धि के जवाब में चुनिंदा अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगाने की योजना बना रहा है।

Point of View

हमारा मानना है कि भारत के फ्री ट्रेड एग्रीमेंट हमेशा राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के साथ होना चाहिए। इससे न केवल स्थानीय उद्योगों को मजबूती मिलेगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट क्या होते हैं?
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट दो या दो से अधिक देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया एक समझौता है, जिसमें सामानों पर शुल्क को समाप्त या कम किया जाता है।
क्या भारत के फ्री ट्रेड एग्रीमेंट राष्ट्रीय हितों पर असर डाल सकते हैं?
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत के फ्री ट्रेड एग्रीमेंट कभी भी राष्ट्रीय हितों की कीमत पर नहीं होंगे।
क्या एफटीए से भारतीय व्यापारियों को लाभ होगा?
जी हां, एफटीए से भारतीय व्यापारियों को नए बाजारों में प्रवेश और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने का अवसर मिलेगा।
भारत ने हाल ही में किस देश के साथ एफटीए पर चर्चा की है?
भारत और अमेरिका के बीच एफटीए को लेकर बातचीत चल रही है।
वोकल फॉर लोकल का क्या मतलब है?
'वोकल फॉर लोकल' का मतलब है स्थानीय उत्पादों का समर्थन करना और उन्हें वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देना।