क्या जम्मू-कश्मीर की जिम्मेदारी सरदार पटेल को सौंपने पर आज की समस्या नहीं होती?
 
                                सारांश
Key Takeaways
- सरदार पटेल का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण था।
- जम्मू-कश्मीर की जिम्मेदारी उनके हाथ में होती तो आज की स्थिति अलग होती।
- कांग्रेस ने उनके योगदान को नजरअंदाज किया।
- मोदी सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं।
- समाजवादी पार्टी की मौजूदा स्थिति हास्यास्पद है।
पटना, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा नेता साध्वी निरंजन ज्योति ने शुक्रवार को सरदार वल्लभ पटेल की जयंती पर आधुनिक भारत के निर्माण में उनके अमूल्य योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर की जिम्मेदारी भी उस वक्त सरदार पटेल को दी गई होती, तो आज हमारे बीच में यह समस्या नहीं होती।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने विभिन्न रियासतों को एकजुट करके आधुनिक भारत की नींव रखने का काम किया। इस अद्धभुत काम के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।
साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस पार्टी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की अनदेखी की। उन्हें भारत रत्न तक नहीं दिया गया।
भाजपा नेता साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल और संविधान निर्माता डॉ भीम राव अंबेडकर को सम्मान दिलाने का काम किया है, वो प्रशंसनीय है।
उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने दो विधान और दो ध्वज के सिद्धांत को खत्म करने का काम किया। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि जब यह ऐतिहासिक फैसला लिया जा रहा था, तो उस वक्त मैं खुद संसद में मौजूद थी। मेरी उपस्थिति में ही यह फैसला किया गया था। इस खास मौके पर मैं अपनी मौजूदगी को राष्ट्र सेवा के रूप में देखती हूं। यह मेरे लिए अद्भुत क्षण था, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव कई राज्यों में चुनाव लड़ते हैं, जिसमें मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों के नाम प्रमुखता से शामिल हैं। लेकिन, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उत्तर प्रदेश से सटे राज्य बिहार में अखिलेश यादव को तेजस्वी यादव एक सीट देना भी गवारा नहीं समझते हैं। इसके बावजूद अखिलेश यादव बिहार में चुनाव प्रचार करने जा रहे हैं। निसंदेह यह स्थिति समाजवादी पार्टी के लिए हास्यास्पद है। ये तो वही वाली बात हो गई कि मान ना मान, मैं तेरा मेहमान।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                             
                             
                             
                            