क्या जनता को चुनाव आयोग और लोकतंत्र पर विश्वास है? : अतुल भातखलकर

सारांश
Key Takeaways
- चुनाव आयोग और लोकतंत्र पर जनता का विश्वास बना हुआ है।
- राजद ने ईवीएम से तीन बार चुनाव जीते हैं।
- ओडिशा में कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है।
- मतदाता सूची में अनियमितताओं का आरोप गंभीर है।
- लोकसभा सीटों की कमी पर बीजद को सवालों का सामना करना पड़ा है।
मुंबई/भुवनेश्वर, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राजद के सांसद मनोज झा ने बिहार में चुनाव के बहिष्कार की घोषणा की है। इस पर भाजपा प्रवक्ता अतुल भातखलकर ने कहा कि देश की जनता को चुनाव आयोग और लोकतंत्र पर पूरा विश्वास है।
भातखलकर ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि मनोज झा को अपनी हार का अंदाजा हो गया है, इसलिए वे ऐसे बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की जनता को चुनाव आयोग और लोकतंत्र पर पूरा विश्वास है। राजद ने ईवीएम से लगातार तीन बार चुनाव जीते हैं। उनके अनुसार, मनोज झा का यह रवैया हार स्वीकारने के बजाय संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने का गलत प्रयास है। उन्होंने कहा कि जनता उनके इस व्यवहार का उचित जवाब देगी और लोकतांत्रिक संस्थाओं की गरिमा बनाए रखेगी।
वहीं, ओडिशा प्रदेश कांग्रेस समिति (ओपीसीसी) के अध्यक्ष भक्त चरण दास ने गुरुवार को पिछले चुनावों में कथित धोखाधड़ी के विरोध में राज्यव्यापी मशाल यात्रा शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य 'लोकतंत्र को बचाना और जनादेश की रक्षा करना' है और यह राज्य के सभी जिलों में किया जाएगा।
मीडिया को संबोधित करते हुए, दास ने मतदाता सूची में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाया और मतदान पैटर्न पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि शाम 5 बजे से रात 9 बजे के बीच लगभग 42 लाख वोट डाले गए। उन्होंने आगे पूछा कि बीजू जनता दल (बीजद) 51 विधानसभा सीटें जीतने के बावजूद एक भी लोकसभा सीट हासिल करने में क्यों विफल रही।
2009 के चुनाव से परिणामों की तुलना करते हुए, दास ने बताया कि कांग्रेस ने तब अपने विधानसभा प्रदर्शन के अनुपात में लोकसभा सीटें जीती थीं, जबकि इस बार बीजद का ऐसा कोई आनुपातिक प्रतिनिधित्व नहीं था। उन्होंने कहा कि मशाल यात्रा, 'लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की पवित्रता को बहाल करने' के कांग्रेस के अभियान के तहत पूरे ओडिशा में जारी रहेगी।