क्या कोलकाता गैंगरेप मामले में कल्याण बनर्जी ने टीएमसी के रुख को चुनौती दी?

सारांश
Key Takeaways
- कल्याण बनर्जी ने टीएमसी के रुख पर असहमति जताई है।
- टीएमसी ने सांसद के बयानों को व्यक्तिगत बताया है।
- महिलाओं के खिलाफ अपराधों के प्रति पार्टी की कोई सहिष्णुता नहीं है।
- राजनीतिक नेताओं के बयानों की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है।
- सामाजिक एकता की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
नई दिल्ली, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। कोलकाता में लॉ छात्रा के साथ हुई बलात्कार की घटना और उस पर विवादित बयान के चलते चर्चा में आए टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी पार्टी के रुख से असहमत दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह अपने बयान पर कोई परिवर्तन नहीं करेंगे।
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मैं ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस द्वारा 'एक्स' पर की गई पोस्ट से पूरी तरह असहमत हूं। क्या वे अप्रत्यक्ष रूप से उन नेताओं का समर्थन कर रहे हैं जो इन अपराधियों को बचा रहे हैं? जब तक सीधे तौर पर जिम्मेदार नेताओं के खिलाफ तात्कालिक कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक केवल शैक्षणिक बयानों से कोई असली बदलाव नहीं आएगा।"
उन्होंने आगे लिखा, "सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि 2011 के बाद उभरे कुछ नेता खुद ऐसे अपराधों में संलिप्त हैं। मैं उन लोगों से भी खुद को स्पष्ट रूप से दूर रखना चाहता हूं, जो इन अपराधियों को प्रोत्साहित या संरक्षण दे रहे हैं। मेरे शब्दों और बयानों के पीछे के इरादे को सही मायने में समझने के लिए, एक निश्चित स्तर की नैतिक और बौद्धिक एकता की आवश्यकता है - जो दुर्भाग्य से गायब लगती है।"
इससे पहले, टीएमसी ने बढ़ते विवाद को देखते हुए सांसद कल्याण बनर्जी और विधायक मदन मित्रा के बयानों से खुद को अलग कर लिया था।
टीएमसी ने 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा, "साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में हुए जघन्य अपराध के बारे में सांसद कल्याण बनर्जी और विधायक मदन मित्रा द्वारा की गई टिप्पणियाँ उनकी व्यक्तिगत राय हैं। पार्टी उनके बयानों से खुद को अलग करती है और इसकी कड़ी निंदा करती है। ये विचार किसी भी तरह से पार्टी के दृष्टिकोण को प्रदर्शित नहीं करते हैं। हमारा रुख स्पष्ट है; महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए हमारी कोई सहिष्णुता नहीं है और हम इस जघन्य अपराध में शामिल सभी लोगों के लिए सख्त से सख्त सजा की मांग करते हैं।"