क्या केंद्र सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाने से डर रही है?: अतुल लोंढे

सारांश
Key Takeaways
- संसद का विशेष सत्र बुलाने में केंद्र सरकार का डर
- अतुल लोंढे का सीजफायर पर आरोप
- हिंदी भाषा विवाद पर राजनीतिक दृष्टिकोण
- भारतीय सेना की बहादुरी की प्रशंसा
- सरकार के संवाद की आवश्यकता
नागपुर, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अतुल लोंढे ने बुधवार को केंद्र सरकार पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने संसद का विशेष सत्र बुलाने में केंद्र सरकार के डर का आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय तीन देशों की यात्रा पर हैं। जी 7 समिट में भाग लेते हुए कनाडा में, पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर चर्चा की। इस दौरान, कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर में अमेरिका की भूमिका को लेकर एनडीए सरकार को घेरने का प्रयास किया।
उन्होंने कहा, "जब राष्ट्र पर संकट आता है, तब प्रधानमंत्री सर्वदलीय बैठक बुलाते हैं। ऐसी क्या बात है कि वह पीठ दिखा रहे हैं? उन्हें विपक्ष से बात करने और विशेष सत्र बुलाने से डर क्यों है? अगर सर्वदलीय बैठक होती है, तो यह संदेश जाएगा कि पूरा भारत प्रधानमंत्री के साथ खड़ा है, लेकिन हमें यह समझ में नहीं आ रहा कि प्रधानमंत्री संसद का विशेष सत्र बुलाने से क्यों डरते हैं।"
'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पाकिस्तान के बैकफुट पर आने पर कांग्रेस प्रवक्ता ने भारतीय सेना की बहादुरी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, "हमारी सेना ने अद्वितीय शौर्य और साहस दिखाया, जिससे पाकिस्तान घुटनों पर आ गया। अगर यह स्थिति दो-तीन दिन और चलती, तो अजहर मसूद और सैफुल्लाह सलाउद्दीन जैसे आतंकवादियों को हम पकड़ सकते थे। लेकिन अचानक सीजफायर का ऐलान हुआ, जो भारत के दिल में चुभा।"
हिंदी भाषा विवाद पर अतुल लोंढे ने कहा, "हिंदी हमारी महत्वपूर्ण भाषा है, लेकिन पहली से पांचवीं कक्षा तक बच्चों के लिए फार्मेटिव वर्ष होते हैं, इस दौरान भाषा का भ्रम नहीं होना चाहिए। इस पर सरकार ने झूठ क्यों बोला? पहले उन्होंने कहा कि हमने भाषा को लेकर सख्ती कम कर दी। क्या आप भाषा के चक्कर में बच्चों को भ्रमित करना चाहते हैं? बच्चों की शिक्षा में भाषा को लेकर जो राजनीति की जा रही है, वह ठीक नहीं है। महाराष्ट्र और देश के भविष्य को लेकर इसका विरोध हो रहा है।"