क्या लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान है? : मृत्युंजय तिवारी

सारांश
Key Takeaways
- लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है।
- हर व्यक्ति को अपनी बात रखने का अधिकार है।
- पुलिस घटना की जांच करेगी और दोषियों पर कार्रवाई करेगी।
- राजनीति में कई मुकदमे राजनीति से प्रेरित होते हैं।
- इंडिया गठबंधन ने अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का चयन किया है।
पटना, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान हमला किया गया। इस घटना पर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है।
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने आगे कहा कि हर व्यक्ति को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन लोकतांत्रिक ढांचे में इस तरह की घटनाएं और व्यवहार पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। पुलिस इस घटना के कारणों की जांच करेगी और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। हिंसा की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि इंडिया गठबंधन ने अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का चयन कर लिया है। चुनाव में कड़ा मुकाबला होगा और हमें विश्वास है कि आरएसएस के समर्थक लोग, जिनमें भाजपा के सहयोगी दल भी शामिल हैं, नहीं चाहेंगे कि ऐसा कोई व्यक्ति उपराष्ट्रपति पद पर आसीन हो। मुकाबला कठिन होगा, लेकिन समय बताएगा कि कौन विजयी होगा।
मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार हैं। देश भर में लोगों का कहना है कि अब राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे। तेजस्वी यादव ने इस बात को भी जनता के सामने रखा है।
उन्हेंने कहा कि राजनीति में कई मुकदमे राजनीति से प्रेरित होते हैं। जो मुकदमे चल रहे हैं, उनमें धारा किस तरह से लगाई गई है, यह स्पष्ट होना चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि विरोधी राजनीतिक दल के नेताओं को फंसाने के लिए विधेयक लाए गए हों। इस पर चर्चा के बाद ही कोई निर्णय लिया जा सकेगा।