क्या भारतीय मतदाता बनने के लिए नागरिकता साबित करनी होगी? : राजीव रंजन सिंह
सारांश
Key Takeaways
- नागरिकता साबित करना मतदाता बनने के लिए आवश्यक है।
- चुनाव आयोग ने 11 विकल्प दिए हैं नागरिकता साबित करने के लिए।
- घुसपैठियों को वोटर बनाने का प्रयास किया गया था।
- संविधान में स्पष्टता है कि नागरिकता के बिना मतदान संभव नहीं है।
- केंद्रीय मंत्री ने राहुल गांधी पर भी आरोप लगाए हैं।
जहानाबाद, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर जोरदार पलटवार किया है।
उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले तक राहुल गांधी संविधान की एक प्रति अपने साथ रखते थे, लेकिन अब वह इसे छोड़ चुके हैं, क्योंकि अब वह संविधान के खिलाफ बोलने लगे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि संविधान में कहा गया है कि जो कोई इस देश का नागरिक नहीं है, वह मतदाता नहीं हो सकता।
राजीव रंजन सिंह ने कहा कि जो इस देश का नागरिक नहीं है, वह मतदान में भाग नहीं ले सकता। यह बात संविधान में लिखी हुई है। चुनाव आयोग ने बताया कि इसके पहले 2003 में मतदाता सूची का एसआईआर हुआ था और अब हम पुनः एसआईआर करवा रहे हैं। जिन लोगों का नाम वोटर लिस्ट में शामिल किया गया है, उनके लिए चुनाव आयोग ने 11 विकल्प दिए हैं, जिनके तहत उन्हें यह साबित करना होगा कि वे भारत के नागरिक हैं। जो लोग नागरिकता साबित नहीं कर पाएंगे, उनका नाम सूची से हटा दिया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्थान है और वो अपना कार्य सही ढंग से कर रहा है। कुछ लोगों ने घुसपैठियों को वोटर बनाने के लिए पीछे से लाने का काम किया है। अब ये चाहते थे कि वे वोटर बने रहें, लेकिन ये बांग्लादेशी हैं। उन्हें अपनी नागरिकता का प्रमाण नहीं मिल पा रहा है, जिससे उन्हें परेशानी हो रही है।
इससे पहले राजद नेता तेजस्वी यादव पर राजीव रंजन सिंह ने कहा कि ऐसे युवा, जिनका पूरा परिवार भ्रष्टाचार में लिप्त हो, उन्हें बिहार का युवा चेहरा कैसे कहा जा सकता है? वह वास्तव में भ्रष्टाचार की उपज हैं। लालू यादव ने अपने कार्यकाल में जितनी संपत्ति अर्जित की, उसका लाभ किसको मिला है?