क्या एनडीए है डूबता जहाज? प्रमोद तिवारी का बिहार चुनाव को लेकर बयान

सारांश
Key Takeaways
- एनडीए की स्थिति बिहार में कमजोर हो रही है।
- चिराग पासवान का बयान पार्टी के लिए चुनौती बन सकता है।
- ब्रिक्स सम्मेलन में आतंकवाद के खिलाफ उठानी चाहिए थी आवाज।
- चुनाव आयोग की प्रक्रियाओं पर चिंता व्यक्त की गई।
- बिहार चुनाव में एनडीए की हार संभावित है।
लखनऊ, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने और एनडीए को मज़बूत करने के बयान पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए डूबता जहाज है, जिस पर कोई भी सवार नहीं होना चाहता। प्रमोद तिवारी ने यह भी कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए के कुछ सहयोगी दल अलग हो सकते हैं। चुनाव में एनडीए की हार सुनिश्चित दिख रही है।
सोमवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए प्रमोद तिवारी ने कहा कि एनडीए एक डूबता हुआ जहाज है, जिस पर कोई सवार नहीं रहना चाहता है। कई मौसम वैज्ञानिक भी अब इस बात को समझ चुके हैं। चिराग पासवान, जो कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के पुत्र हैं, वे भी इस खतरे को पहचान रहे हैं। समस्या यह है कि एनडीए के केंद्रीय मंत्री यह कह रहे हैं कि वे सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ब्रिक्स से जुड़े देशों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने के बयान पर प्रमोद तिवारी ने कहा कि हमें यह स्पष्ट रूप से कहना चाहिए था कि ब्रिक्स अपने सिद्धांतों पर चलता रहेगा।
ब्रिक्स सम्मेलन में पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ ब्रिक्स में एक मजबूत आवाज उठानी चाहिए थी। शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स के सदस्यों के आर्थिक, सामाजिक और वैश्विक हितों पर चर्चा होनी चाहिए थी। भारत ने हमेशा ब्रिक्स सदस्यों के अधिकारों की रक्षा की है। मुझे विश्वास है कि हम एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे।
चुनाव आयोग पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयोग के बयान से हम संतुष्ट नहीं हैं। अगर पुनरीक्षण के दौरान आप ऐसे दस्तावेज मांगते हैं जो मतदाता के पास नहीं हैं, तो इसका क्या मतलब है? क्या आप वोट देने का अधिकार छीनना चाहते हैं?