क्या न्यूक्लियर धमकी को कभी स्वीकार नहीं करेंगे? अमेरिका से रिश्ते क्यों हैं अहम: शशि थरूर

सारांश
Key Takeaways
- अमेरिका के साथ रिश्ते महत्वपूर्ण हैं।
- न्यूक्लियर धमकियों का कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा।
- टैरिफ मुद्दा है, लेकिन व्यापक संबंध भी हैं।
- बातचीत से युद्ध समाप्त होने की उम्मीद है।
- शेष 25 प्रतिशत टैरिफ पर काम करना है।
नई दिल्ली, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। संसद की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने सोमवार को समिति की बैठक के बाद संवाददाताओं से चर्चा की। उन्होंने बताया कि बैठक में अमेरिका के साथ वर्तमान स्थिति और टैरिफ के मुद्दे पर गहराई से बात हुई।
थरूर ने कहा, "आज की बैठक में कुल 50 प्रश्न पूछे गए। अमेरिका से हमारे संबंध अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। टैरिफ एक पहलू है, लेकिन इससे कहीं अधिक गहरे संबंध हैं।"
उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर द्वारा दिए गए न्यूक्लियर धमकी संबंधी बयान पर भी टिप्पणी की। थरूर ने कहा, "सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हम कभी भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल को स्वीकार नहीं करेंगे।"
उन्होंने यह भी चिंता व्यक्त की कि मुनीर का बयान किसी अन्य मित्र राष्ट्र की धरती पर दिया गया, जो हमें उचित नहीं लगा। यह संदेश हम सबको दे देंगे।
जब पूछा गया कि क्या अमेरिका की व्यापारिक बातचीत के लिए आने वाली टीम अब आएगी या नहीं, तो थरूर ने कहा, "टीम को 25 अगस्त को आना था। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, अमेरिका की टीम के दौरे में कोई बदलाव नहीं हुआ है।"
इसके अलावा, थरूर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच बातचीत एक सकारात्मक कदम है। उन्होंने कहा, "यदि यह बातचीत पुतिन से वार्ता के बाद हो रही है और यदि युद्ध समाप्त होता है, तो अमेरिका द्वारा लगाया गया अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ हट जाएगा।"
उन्होंने आगे कहा कि शेष 25 प्रतिशत टैरिफ पर भी हमें ध्यान देना है, क्योंकि वह भी भारत को प्रभावित कर रहा है।