क्या सभी आरोपी बरी होने के बाद भी इस बम विस्फोट का जिम्मेदार कौन है?: इसरायल मंसूरी

सारांश
Key Takeaways
- मालेगांव बम विस्फोट में सभी आरोपी बरी हुए हैं।
- कोर्ट ने सबूतों के अभाव में फैसला सुनाया।
- 17 वर्षों बाद भी सच्चाई का पता नहीं चला।
- स्थानीय लोगों में न्याय की कमी की भावना।
- भविष्य में ऐसी घटनाओं के प्रति सतर्कता आवश्यक।
पटना, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक मोहम्मद इसरायल मंसूरी ने गुरुवार को मालेगांव बम विस्फोट मामले में बरी हुए सभी आरोपियों के संदर्भ में कहा कि जब सभी आरोपी बरी हो गए हैं, तो इस हमले को किसने अंजाम दिया?
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि यह फैसला न्यायालय द्वारा लिया गया है। इस स्थिति में इस पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करना उचित नहीं है। आज भी देश के लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि इस विस्फोट को किसने अंजाम दिया?
उन्होंने कहा कि यह बात खारिज नहीं की जा सकती कि यह विस्फोट हुआ था, जिसमें कई लोग मारे गए थे। अब लोग जानना चाहते हैं कि इसे किसने अंजाम दिया था? इस घटना को 17 साल हो चुके हैं। इतने वर्षों के बाद भी यदि यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि इसे किसने अंजाम दिया, तो यह देश के लिए एक बड़ी चुनौती है।
गौरतलब है कि मालेगांव बम विस्फोट मामले में 17 साल के लंबे इंतजार के बाद गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया। सबूतों के अभाव में अदालत ने सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया।
अदालत ने कहा कि एटीएस और एनआईए की चार्जशीट में काफी अंतर है। अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर पाया कि बम मोटरसाइकिल में था। पुरोहित के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला कि उन्होंने बम बनाया या उसे सप्लाई किया। यह भी साबित नहीं हुआ कि बम किसने लगाया। घटना के बाद विशेषज्ञों ने सबूत इकट्ठा नहीं किए, जिससे सबूतों में गड़बड़ी हुई।
अदालत ने यह भी कहा कि धमाके के बाद पंचनामा ठीक से नहीं किया गया, घटनास्थल से फिंगरप्रिंट नहीं लिए गए और बाइक का चेसिस नंबर कभी रिकवर नहीं हुआ। साथ ही, वह बाइक साध्वी प्रज्ञा के नाम से थी, यह भी सिद्ध नहीं हो पाया।