क्या संविधान संशोधन विधेयक को लेकर सरकार का इरादा नापाक है? : अधीर रंजन चौधरी

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क्या संविधान संशोधन विधेयक को लेकर सरकार का इरादा नापाक है? : अधीर रंजन चौधरी

सारांश

कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस ने महत्वपूर्ण विधेयक में शामिल होने से किया इनकार। अधीर रंजन चौधरी ने सरकार की नीयत पर उठाए सवाल। जानें इस मुद्दे पर उनके तीखे बयान और विपक्ष के गहरे चिंतन को। यह लेख आपको ताजगी से भरी नई जानकारी प्रदान करेगा।

Key Takeaways

  • टीएमसी ने जेपीसी में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया।
  • अधीर रंजन चौधरी ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाए।
  • सीबीआई और ईडी की स्वतंत्रता की आवश्यकता।
  • लोकपाल और लोकायुक्त की स्थिति पर चिंता।
  • खेल जगत में तनाव नहीं, लेकिन सैन्य सरकार की भूमिका पर सवाल।

कोलकाता, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने 30 दिनों से अधिक समय तक हिरासत में रहने वाले मुख्यमंत्रियों को पद से हटाने वाले विधेयक की जांच के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में शामिल होने से स्पष्ट इनकार कर दिया है। शनिवार को टीएमसी ने घोषणा की कि वह इस समिति में किसी भी सदस्य को नामित नहीं करेगी। वहीं, इंडिया गठबंधन के अन्य दल जेपीसी में भाग लेने के लिए सहमत हो गए हैं।

कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला।

उन्होंने कहा कि सरकार को सबसे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी जांच एजेंसियों को स्वतंत्र करना चाहिए। इन संस्थाओं पर सरकार का हस्तक्षेप बंद होना चाहिए, ताकि वे निष्पक्ष और स्वायत्त तरीके से काम कर सकें। यह बिल विपक्ष को कमजोर करने के लिए लाया गया है।

उन्होंने कहा, “मोदी सरकार अगर अपनी नीयत साफ दिखाना चाहती है, तो इन एजेंसियों को स्वतंत्र करने के लिए ठोस कानूनी कदम उठाए। उनके इरादे ठीक नहीं हैं।”

अधीर रंजन चौधरी ने लोकपाल और लोकायुक्त जैसे संस्थानों की स्थिति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि अन्ना हजारे के आंदोलन से प्रेरित लोकपाल का वर्तमान में क्या हाल है? लोकपाल और लोकायुक्त को कितनी शक्ति दी गई है? क्या इनके पास स्वतंत्र संसाधन या ढांचा है? क्या कोई जांच एजेंसी किसी मंत्री या प्रभावशाली व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत रखती है?

उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार की मंशा साफ होती, तो वह इन संस्थानों को मजबूत करने के लिए कदम उठाती। अगर सत्ताधारी दल सत्ता से बाहर हो जाए, तो क्या कोई जांच एजेंसी उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की हिम्मत दिखा सकती है?

एशिया कप में भारत-पाकिस्तान मैच पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "खेल जगत एक अलग क्षेत्र है और जो लोग खेलों में भाग लेते हैं, वे खिलाड़ी के तौर पर ऐसा करते हैं। दोनों देशों के आम लोगों के बीच कोई तनाव, हिंसा या नफरत नहीं है। हालांकि, पाकिस्तानी सैन्य सरकार, खासकर सेना, भारत के साथ शांति नहीं चाहती।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम इस मुद्दे को तटस्थता से देखें। संविधान में संशोधन की प्रक्रिया हमेशा से संवेदनशील रही है। हमें चाहिए कि हम सभी पक्षों के विचार सुनें और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करें।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

तृणमूल कांग्रेस ने जेपीसी में शामिल होने से क्यों इनकार किया?
टीएमसी ने यह महसूस किया कि यह विधेयक विपक्ष को कमजोर करने के लिए लाया गया है और इसीलिए उन्होंने जेपीसी में शामिल होने से इनकार किया।
अधीर रंजन चौधरी ने सरकार पर क्या आरोप लगाए?
उन्होंने कहा कि सरकार को सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों को स्वतंत्र करना चाहिए ताकि वे निष्पक्षता से काम कर सकें।
क्या लोकपाल और लोकायुक्त को पर्याप्त शक्ति दी गई है?
अधीर रंजन चौधरी ने इस पर सवाल उठाया कि क्या इन संस्थानों को स्वतंत्र संसाधन और ढांचा दिया गया है।
भारत-पाकिस्तान मैच पर अधीर रंजन चौधरी का क्या कहना था?
उन्होंने कहा कि खेल जगत में आम लोगों के बीच कोई तनाव नहीं है, लेकिन पाकिस्तानी सेना शांति नहीं चाहती।